हल्द्वानी

महाशिवरात्रि कल, व्रत रखने का ये है नियम

शिवलिंग पर जरूर करें ये चीजें अर्पित, पूरी होंगी मनोकामना
हल्द्वानी। फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है, इस दिन शिव भक्त विधि-विधान से पूजा अर्चना करते है. इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च को है, इस दिन शिवजी की पूजा के लिए त्रयोदशी उपरांत चतुर्दशी का मुहूर्त अति शुभ फलदायक होता है. महाशिवरात्रि व्रत में चारों पहर में पूजन किया जाता है. महाशिवरात्रि व्रत करने के विशेष नियम है. महाशिवरात्रि के दिन कुछ भक्त निर्जल उपवास रखते हैं, वहीं कुछ लोग फलाहार पर रहते हैं. अगर आपने निर्जल व्रत रखा है, तो आपको पूरा दिन जल की एक बूंद भी नहीं लेनी है. अगर आप भी महाशिवरात्रि के दिन व्रत-उपवास करते हैं तो सही विधि और व्रत नियम आपको जानना जरूरी है.
महाशिवरात्रि व्रत करने का विधान
महाशिवरात्रि व्रत कोई भी भक्त आसानी से कर सकता है. शिवरात्रि व्रत को करने से पहले इन नियमों का पालन करना जरूरी होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार भक्तों को एक दिन पहले शुद्ध भोजन करना चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन मंदिर में जाकर भगवान शिव की अराधना कर व्रत का संकल्प लेनी चाहिए. फिर पूजा के दौरान शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ भोलेनाथ की पसंदीदा चीज भी अर्पित करें. शमी के फूल, आकडे़ के फूल, अलसी के पुष्प, चमेली के फूल, धतूरे के फूल और कनेर के फूल भगवान शिव को अतिप्रिय हैं. शिवलिंग पर इन फूलों को चढ़ाने से शंकर भगवान बेहद प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं.
महाशिवरात्रि पर पूजन सामग्री
महाशिवरात्रि की पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा, गाय का कच्चा दूध, चंदन, रोली, कपूर, केसर, दही, घी, मौली, अक्षत (चावल), शहद, शक्कर, पांव प्रकार के मौसमी फल, गंगा जल, जनेऊ, वस्त्र, इत्र, कनेर पुष्प, फूलों की माला, खस, शमी का पत्र, लौंग, सुपारी, पान, रत्न, आभूषण, परिमल द्रव्य, इलायची, धूप, शुद्ध जल, कलश इत्यादि पूजन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है.
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर बन रहा दुर्लभ योग का संयोग, इस तरह करें पूजा और व्रत
महाशिवरात्रि व्रत नियम
महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्यक्ति इस दिन सात्विक भोजन व फल आदि का सेवन करें.
महाशिवरात्रि पर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें.
इसके बाद पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करें.
चारों प्रहर की पूजा में शिवपंचाक्षर मंत्र यानी ऊं नम: शिवाय का जाप करें.
महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, फूल, मिठाई, मीठा पान, इत्र आदि अर्पित करें.
व्रत नियम
महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ को भोग लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.
शिवरात्रि के दौरान रात्रि जागरण करना चाहिए, इससे व्रत का फल दोगुना मिलता है.
व्रत का सबसे महत्वपूर्ण पहलू बुरे विचारों, बुरी संगति और बुरे शब्दों से दूर रहना है.
व्रतियों को सद्गुणों का अभ्यास करना चाहिए और सभी बुराइयों से दूर रहना चाहिए.
इस दिन भगवान शिव के नामों का जप करना शुभ माना जाता है.
इस पवित्र दिन व्रतियों को भगवान शंकर की महिमा सुनना और सुनाना चाहिए.

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी