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नई दिल्ली

ममता ने दुष्कर्म रोधी निष्प्रभावी कानूनों को लेकर पीएम मोदी व गृह मंत्री का मांगा इस्तीफा

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विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को ममता ने ऐतिहासिक व अन्य राज्यों के लिए आदर्श बताया
कोलकाता।
दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को त्वरित व सख्त सजा देने के लिए एक संशोधित विधेयक मंगलवार को बंगाल विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस विधेयक पर सदन में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उन सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग की, जो महिलाओं की रक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू नहीं कर पाए हैं। ममता ने यहां तक टिप्पणी की कि पीएम मोदी देश के लिए कलंक हैं। ममता की इस टिप्पणी पर विपक्षी भाजपा के विधायकों ने कड़ा विरोध जताते हुए जबरदस्त हंगामा किया।
विधानसभा में राज्य सरकार की तरफ से पेश अपराजिता महिला एवं बाल सुरक्षा संशोधित विधेयक- 2024 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए ममता ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य त्वरित जांच और त्वरित न्याय प्रदान करना और दोषी की सख्त सजा देना है। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म जैसी घटनाएं मानव जाति और महिलाओं के खिलाफ अभिशाप है। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सामाजिक सुधारों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि
यह सुनिश्चित करने के लिए इस विधेयक में विशेष अपराजिता कार्य बल गठित करने का भी प्रावधान किया गया है, ताकि दुष्कर्म के मामलों में जांच समयबद्ध तरीके से पूरी हो। ममता ने इस विधेयक को ऐतिहासिक और अन्य राज्यों के लिए आदर्श बताते हुए कहा कि इसके जरिए उनकी सरकार ने पीड़िता तथा उनके स्वजनों को त्वरित एवं प्रभावी न्याय उपलब्ध कराने के लिहाज से केंद्रीय कानून में मौजूद कमियों को दूर करने का प्रयास किया है।
विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी भाजपा के विधायकों ने आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ दरिंदगी की घटना को लेकर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग पर जमकर नारेबाजी की। इस पर ममता ने कहा, क्या होगा अगर मैं उन्हीं कारणों से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ नारे लगाऊं जिनके लिए आप मेरे खिलाफ नारे लगा रहे हैं। सीएम ने दावा किया कि बंगाल की तुलना में उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर काफी अधिक है। 
ममता ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) पारित किए जाने से पहले बंगाल से विचार-विमर्श नहीं किया था।
‘विधेयक को कानून का रूप देने के लिए विपक्ष राज्यपाल से करें अपील’ मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी भाजपा के विधायकों से कहा कि वे राज्यपाल से कहें कि वह बिना किसी देरी के इस विधेयक पर हस्ताक्षर करें। उन्होंने कहा कि इसका प्रभावी क्रियान्वयन राज्य सरकारी की जिम्मेदारी होगी।  ममता ने आरजी कर की घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि हम सीबीआइ से न्याय चाहते हैं और दोषियों के लिए फांसी की मांग करते हैं।

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