सड़कों के निर्माण के लिए सरकार देगी 7.35 करोड़, मुख्य मार्ग से एक किमी वाले गांव सड़क मार्ग से जुड़ेंगे
देहरादून। लोक निर्माण विभाग और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की परिधि से बाहर सम्पर्क विहीन गांवों को सड़क से जोड़ने की दिशा में सरकार अब तेजी से कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में मेरा गांव-मेरी सड़क योजना के अंतर्गत चार जिलों में मुख्य सड़क से एक किलोमीटर के फासले पर स्थित गांवों के लिए 21 सड़कें मंजूर की गई हैं। इनमें पौड़ी,पिथौरागढ़ और चंपावत जिले की प्रमुख मार्ग हैं।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने इन सड़कों के प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी है। इससे पहले चालू वित्तीय वर्ष में विभिन्न जिलों में ऐसी 36 सड़कें स्वीकृत की गई थीं, जिन पर कार्य भी शुरू हो गया है।
ग्राम्य विकास मंत्री जोशी ने कहा कि ग्रामीण अंचलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों के चहुंमुखी विकास के दृष्टिगत, रोजगार-स्वरोजगार व आवास उपलब्ध कराने के साथ ही गांवों को सड़क सुविधा से भी जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में मेरा गांव-मेरी सड़क योजना में ऐसे गांवों के लिए 21 सड़कें स्वीकृत की गई हैं, जो मुख्य सड़क से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन सड़कों के बनने से स्थानीय ग्रामीणों को हर मौसम में बेहतर यातायात की सुविधा मिल सकेगी।
मेरा गांव-मेरी सड़क योजना के अंतर्गत एक किमी की सड़क निर्माण में 70 लाख की लागत आती है। इसमें 35 लाख के कार्य मनरेगा से होते हैं, जबकि 35 लाख रुपये सरकार देती है। इस प्रकार 21 सड़कों के निर्माण में 14.70 करोड़ का खर्च आएगा। इसमें 7.35 करोड़ रुपये सरकार देगी।
पौड़ी: द्वारीखाल ब्लाक में ग्राम पंचायत डल में चोपड़ा व्यासघाट मार्ग से खांडासैंण-ग्वाड़ी व लोषण में जमेली मार्ग से सीम बुबई तक।
पिथौरागढ़: धारचूला ब्लाक में ग्राम पंचायत बलुवाकोट में घाटीबगड़ मार्ग से गागरा तल्ला सेना व कनालीछीना ब्लाक में ग्राम पंचायत गर्जिया में चमलेख से घुघचुला तक।
चंपावत: ग्राम पंचायत इजट्टा डुंगरा के अंतर्गत ग्राम रटमाटा से पसोली तोक तक।