उत्तराखण्ड

अब उत्तराखंड में दूसरी बार में जुड़वां बच्चे होने पर भी लड़े लड़ेंगे अभिभावक पंचायत चुनाव

गोद लिए बच्चों के मामले में भी दो बच्चों का प्रतिबंध लागू नहीं होगा, कैबिनेट बैठक में निर्णय
देहरादून। उत्तराखंड में दूसरी बार में जुड़वां बच्चों होने पर भी अभिभावक पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे। जैविक संतान का प्रावधान किए जाने से गोद लिए बच्चों के मामले में भी दो बच्चों का प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इस संबंध में बुधवार को कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया।
वर्ष 2019 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले राज्य सरकार ने चुनाव लड़ने में दो बच्चों की शर्त लागू कर दी थी। ऐसे में उन्हें दिक्कत आ रही थी, जिनकी दूसरी बार में जुड़वां संतान पैदा हुई। साथ ही तीसरी संतान को गोद लेने वाले अभिभावक भी इसी कारण प्रतिबंधित हो रहे थे। ऐसे में सरकार ने ऐक्ट में संशोधन करते हुए, दूसरी बार में जुड़वां संतान होने पर अभिभावक बनने वाले लोगों को छूट दे दी है। साथ ही ऐक्ट में जैविक संतान का उल्लेख किए जाने के चलते गोद लिए बच्चों (पुनर्विवाह के मामलों को शामिल करते) के संबंध में, संबंधित व्यक्ति को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। इससे ऐसे लोग प्रतिबंधित रहेंगे, जो चुनाव लड़ने के लिए तीसरी संतान गोद देने का दावा करते थे।
धामी सरकार ने पंचायतों व निकायों में ओबीसी आरक्षण का निर्धारण करने के लिए गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल एक वर्ष को बढ़ा दिया है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बीएस वर्मा की अध्यक्षता में गठित इस आयोग का गठन हरिद्वार पंचायत चुनाव से पहले जुलाई 2022 में किया गया था। आयोग का विस्तारित कार्यकाल 26 जनवरी को खत्म हो रहा है। आयोग निकायों में ओबीसी आरक्षण की रिपोर्ट तैयार कर चुका है, जो एक दो दिन में सरकार को सौंप दी जाएगी।

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी