नैनीताल। सूर्य की सतह पर इन दिनों सनस्पाट उभर रहे हैं। खतरनाक सनस्पाट (एआर-3663) पृथ्वी से दस गुना बड़ा आकार ले चुका है और यह अब तक का सबसे बड़ा सनस्पाट है। सौर विज्ञानियों ने इस सप्ताह इसमें जबरदस्त विस्फोट की आशंका जताई है।
नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के पूर्व कार्यवाहक निदेशक व सौर विज्ञानी डा. वहाबउद्दीन के अनुसार एआर-3663 अप्रैल की शुरुआत में अस्तित्व में नहीं आया था। इसके बाद इसने तेजी से उभरना शुरू किया और यह सूर्य की सतह पर जबरदस्त ढंग से विशाल आकार के साथ फैल चुका है।
इस सनस्पाट का विकास अप्रत्याशित तरीके से हुआ है। इसमें लगातार विस्फोट भी हो रहे हैं और यह ज्वालाओं के साथ चटक रहे है। नासा की सोलर डायनेमिक्स आब्जर्वेटरी (एसडीओ) इसकी तस्वीरों को कैद कर रही है। इस सनस्पाट ने एक मिश्रित-ध्रुवीयता वाला “बीटा-गामा-डेल्टा” चुंबकीय क्षेत्र विकसित किया है। इसका मतलब यह है कि यह अस्थिर है और शक्तिशाली एक्स-क्लास(तेज) के विस्फोटों के लिए ऊर्जा इसके भीतर जमा है। इसने तीन मई को एक्स 1.6 श्रेणी की ज्वाला छोड़ी और चार मई को एम 9.1 श्रेणी की ज्वाला छोड़ चुका है। इसमें आगे भी विस्फोट जारी रहेंगे।
सूर्य की सतह पर पृथ्वी से दस गुना बड़ा सनस्पाट उभरा, जबरदस्त विस्फोट की आशंका
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