नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव को गणतंत्र दिवस पर आज मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मान मिलेगा।
नेताजी अपने कई ऐतिहासिक फैसलों के लिए यूपी और देश की राजनीति में सदा याद किए जाएंगे।
इटावा के सैफई में किसान परिवार में जन्म लेने वाले मुलायम सिंह यादव अखाड़े में दांव लगाते-लगाते सियासी फलक पर छा गए। 24 फरवरी वर्ष 1954 में मात्र 15 वर्ष की आयु में समाजवाद के शिखर पुरुष डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर नहर रेट आंदोलन में पहली बार जेल गए। वह केके कॉलेज छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए। आगरा विश्वविद्यलाय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर करने के बाद इंटर कॉलेज में प्रवक्ता बने। फिर त्यागपत्र दिया और अपने गुरु चौधरी नत्थूसिंह की परंपरागत विधानसभा सीट जसवंत नगर से 1967 में पहली बार विधायक बने। अपने राजनीतिक सपर में पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों के हित की अगुवाई कर अपनी पुख्ता राजनीतिक ज़मीन तैयार की। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई ऐतिहासिक फैसले भी लिए, जिसके लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे।
धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण आज
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