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अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़

अल्मोड़ा और हरिद्वार में गुलदार के आबादी में घुसने से लोगों में दहशत, अल्मोड़ा में दो कुत्तों को बनाया शिकार

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देहरादून: उत्तराखंड के अल्मोड़ा और हरिद्वार जिलों में वन्यजीवों के आबादी वाले क्षेत्रों में घुसने से लोगों में दहशत का माहौल है। अल्मोड़ा के पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में तेंदुए के दो कुत्तों को शिकार करने और हरिद्वार के त्रिमूर्तिनगर में गुलदार के लगातार दिखाई देने की घटनाएं सामने आई हैं।


अल्मोड़ा में तेंदुए का आतंक:
अल्मोड़ा के पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में बीती रात एक तेंदुआ घुस आया और उसने दो कुत्तों को अपना शिकार बना लिया। इस घटना को पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद कर लिया गया। तेंदुए के आबादी वाले इलाके में घुसने से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। उन्होंने वन विभाग से तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की है।
हरिद्वार में गुलदार का साया:
हरिद्वार के ज्वालापुर के त्रिमूर्तिनगर और आसपास के इलाकों में गुलदार की चहलकदमी से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। गुलदार ने पिछले हफ्ते एक सूअर को अपना शिकार बनाया था, जिसकी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी। वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
वन्यजीवों के मानव-वास में आने के कारण:
वन्यजीवों के मानव-वास में आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि जंगलों का सिकुड़ना, शिकार, और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन भी वन्यजीवों के व्यवहार में बदलाव ला रहा है।
क्या करें:
* वन विभाग: वन विभाग को चाहिए कि वह वन्यजीवों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए तत्काल कदम उठाए।
* स्थानीय लोग: स्थानीय लोगों को चाहिए कि वे वन्यजीवों को देखने पर वन विभाग को सूचित करें और अपने घरों के आसपास सावधानी बरतें।
* सरकार: सरकार को चाहिए कि वह वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाए और वन्यजीवों और मनुष्यों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए उपाय करे।

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संपादक: गुलाब सिंह
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