हरिद्वार

पंचतत्व से बनी हुई देह के प्रति नहीं छोड़ पाते हैं मोह, इसलिए लोग देहदान करने से हिचकिचाते : त्रिवेंद्र सिंह रावत

हरिद्वार। आज मनुष्य में शुगर की बीमारी आम है, इसलिए देश और प्रदेश में देहदानियों की बहुत कमी है। हमें लगभग 130 शरीरों की जरुरत प्रतिदिन होती है, लेकिन प्रतिदिन लगभग 30000 होने के बावजूद भी पूरी नहीं हो पा रही है।
उपरोक्त उद्गार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान लोकसभा सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज स्थानीय ऋषि कुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय सभागार में दधिचि देहदान समिति हरिद्वार के प्रथम वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। श्री रावत ने कहा कि, “हम पंचतत्व से बनी हुई देह के प्रति अपना मोह नहीं छोड़ पाते, इसलिए भी हमारे देश में लोग देहदान करने से हिचकिचाते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि श्रीलंका में नेत्रदान अनिवार्य है। वहाँ नेत्रों का निर्यात किया जाता है।”
रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि देश केवल सत्ता से नहीं चलता। इसके लिये समाज में धर्म और राष्ट्र के प्रति ईमानदार नहीं है, जिस कारण ही ज्यादा देहदान‌ नहीं हो पाते। हृदयरोग भी इस कार्य में आड़े आता है। इसका कारण हमारी बदली हुई जीवन शैली भी है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर (महानिर्वाणी अखाड़ा) श्रीमहंत स्वामी रवींद्र पुरी जी महाराज ने इस अवसर पर लोगों अंगदान तथा देहदान के संकल्प पत्र भर कर मानवता की सेवा के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि “कायिक, वाचिक व मानसिक रूप से लोगों को अंगदान और देहदान के ज्यादा तैयार होने की जरूरत है। हमारे देश में दुर्घटनाओं‌ की संख्या ज्यादा है। इसलिये भारत में ज्यादा से ज्यादा अंगदान की आवश्यकता है।”
मुख्य वक्ता डा. स्मृति शर्मा भाटिया, प्रोफेसर रसायन विभाग मिरांडा हाउस (नई दिल्ली) ने बताया कि स्पेन जैसा छोटा सा देश विश्व में सबसे बड़ा देवदानी और अंगदानी देश है, जबकि हमारे देश में यह दर बहुत कम है। इसलिये हमारे देश मैं इस कार्य के लिए अधिक मात्रा में जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि डा. कर्मवीर सिंह (अंग प्रत्यारोपण शल्य चिकित्सक, एम्स, ऋषिकेश) ने बताया कि भारत में अंगदान कोई नई बात नहीं है। हमारे वेद-पुराणों में इसका वर्णन है। भगवान शंकर हमारे पहले सर्जन थे। उन्होंने गणेशजी का शीश प्रत्यारोपण किया था। यही कथाएं हमें अंगदान और देहदान के लिये प्रेरित करती हैं।‌ उन्होंने एक अभियान चलाकर देहदान अंगदान और नए प्रधान के लिए लोगों को प्रेरित करने का आह्वान किया। कार्यक्रम को निर्मल आश्रम ऋषिकेश के बाबूजी आत्म प्रकाश जी ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि, अतिविशिष्ट एवं विशिष्ट अतिथि तथा सभी वक्तागण का पुष्पमाल व शाल के माध्यम से स्वागत सम्मान किया गया। अंगदान तथा देहदान कर चुके पाँचों महादानियों के परिजनों तथा संकल्प पत्र भर चुके 65 महादानियों को सम्मानपत्र के माध्यम से सम्मानित किया गया। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों‌ को स्मृति चिन्हों से नवाज़ा गया।
कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के भारत माता तथा आदर्श महर्षि दधीचि के चित्रों के समक्ष दीप प्रचलन तथा पुष्पांजलि के कवियत्री श्रीमती कंचन प्रभा गौतम द्वारा प्रस्तुत अंगदान तथा देहदान के लिए रचित विशेष प्रेरक गीत ‘यह देह तो जड़ है इसको ख़ुद का ज्ञान नहीं’ तथा नृत्यांगना वैष्णवी झा व उनके समूह द्वारा अंगदान को प्रेरित करती आकर्षक नृत्य नाटिका से की गयी। संस्था का परिचय देते हुए दधीचि देवदान समिति हरिद्वार के अध्यक्ष श्री सुभाष चंद्र चाँदना ने बताया कि इस संस्था की विधिवत स्थापना गत वर्ष 11 जून को हुई थी और संस्था के प्रयासों से अब तक पाँच परिवारों के परिजन देहदान तथा अंगदान कर चुके हैं, जबकि 65 परिवारों के परिजनों ने इस हेतु अपने संकल्प पत्र भर दिए हैं, जिसमें आज के मुख्य अतिथि माननीय श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 14 वर्षीय बालक ज्योतिराद आदित्य खन्ना ने अपने अंगदान तथा देहदान के द्वारा 6 लोगों को जीवन प्रदान करके एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
कार्यक्रम के अंत में जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शहीद हुए उत्तराखण्ड के पाँचों सैनिकों को मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गयी। संस्था सचिव राजीव माहेश्वरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया, जबकि पूरे कार्यक्रम का कुशल संचालन पूर्व प्रधानाचार्य श्री रोहितास जी ने किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से हरिद्वार प्रेस क्लब के सचिव अमित शर्मा, सीनियर सिटीजन फोरम के सर्वेश गुप्ता, शहज़ार होम्स के महाराज कृष्ण रैना, विवेकानन्द विचार मंच के संजीव गुप्ता, चेतना पथ के संपादक अरुण कुमार पाठक, मुस्कान फाउंडेशन से नेहा मलिक, आर्ट आफ लिविंग के तेजिन्दर सिंह कैंथ, प्रवीण कुमार, अंकित गोयल, एस.के. गोयल, विशाल गौड़ रंजीता झा, वी.डी. शर्मा, अंश, मधुर वासन, जगदीश कुमार बत्रा, ए.के. सनाढ्या, अमित अरोड़ा, आर्य विजय पाल सिंह, विजय पाल बघेल आदि उपस्थित रहे।
      

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी