उत्तराखण्ड

पतंजलि संस्थान में पादप वर्गिकी एवं पारंपरिक वनस्पतिकी प्रशिक्षण शुरू

31 जनवरी तक चलेगा प्रशिक्षण, संस्थान के वैज्ञानिक देंगे
प्रशिक्षाणार्थियों को जानकारी

हरिद्वार। पतंजलि अनुसंधान संस्थान हरिद्वार में स्वामी रामदेव महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण की प्रेरणा से पादप वर्गिकी एवं पारंपरिक वनस्पतिकी विषय पर मंगलवार से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया। प्रशिक्षण 31 जनवरी तक चलेगा। सुबह 10 बजे संस्थान के सभागार में में पतंजलि अनुसंधान संस्थान की विभागाध्यक्ष और इस पाठ्यक्रम की संयोजक डॉ. वेदप्रिया आर्य,
डॉ. महावीर अग्रवाल, डॉ.सी.बी. धनराज, डॉ. अनुराग वार्ष्वेय, डॉ. अनिल कुमार के संरक्षण में उद्घाटन हुआ। समारोह में संस्थान के सभी वैज्ञानिक एवं सुदूर संस्थाओं से भाग लेने
वाले प्रशिक्षार्थियों ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। समारोह का दीप प्रज्जवलन डॉ. अनुपम श्रीवास्तव कार्यक्रम के संयोजक एवं सम्मानित वैज्ञानिक, डॉ. वेदप्रिया आर्या, डॉ. रमाशंकर एवं श्री कौशल किशोर चतुर्वेदी की उपस्थिति में सम्पन्न किया गया। समारोह में डॉ. भास्कर जोशी, डॉ. उदयभान प्रजापति, डॉ. सौरभ घोष, डॉ. अरूण कुशवाह, डॉ. आई.पी. शर्मा, डॉ. रश्मि मित्तल, डॉ. अनुराग डबास एवं अन्य वैज्ञानिकगण उपस्थित रहें।
डॉ. अनुपम श्रीवास्तव जी ने प्रशिक्षण के सम्पूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्य के साथ पतंजलि में कार्यरत गतिविधियों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। विभिन्न प्रान्तों से आए प्रशिक्षार्थियों में मुख्य रूप से डॉ. रामदेव पंडित (राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, हि.प्र.), डॉ. गीतिका, दिनेश कुमार भारती, सोनिका, प्रीति गुप्ता, ज्योति गुप्ता आदि उपस्थित रहें।जैसा कि डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने बताया इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पादप वर्गिकी के विभिन्न आयामों का
परिचय कराते हुए संस्थान में किये जाने वाले पादप वर्गीकरण संबंधी कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षित करना है। डॉ. रिषभ देव जी ने प्रशिक्षार्थियों को पतंजलि की आधुनिक प्रयोगशाला का
भ्रमण कराते हुए विभिन्न प्रयोगशाला उपकरणों का विवरण प्रदर्शित किया। डॉ. उदयभान प्रजापति ने प्रशिक्षार्थियों को अन्य दिनों में की जाने वाली गतिविधियों से अवगत कराया।कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में डॉ. इनाम मोहम्मद जी द्वारा प्रशिक्षार्थियों को पतंजलि हर्बल गार्डन का भ्रमण कराया और जड़ी-बूटियों से परिचित कराया। डॉ. अनामिका राणा जी द्वारा दिनभर के कार्यों को अगले दिन प्रस्तुति के लिए प्रशिक्षार्थियों को अवगत
कराया,  जिसका प्रस्तुतीकरण वह अगले दिन करेंगे। गौरतलब है कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में पतंजलि शोध संस्थान के लगभग 37 वैज्ञानिको द्वारा पूरे जनवरी माह व्याख्यान प्रस्तुत क़िया जायेगा, तथा प्रशिक्षार्थियों कों अपने व्यक्तित्व विकास का भी पूर्ण अवसर प्राप्त होगा।

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