देहरादून: उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने इन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन देने की तैयारी शुरू कर दी है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में यह जानकारी दी।
मंत्री ने कहा कि सरकार पहले से ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बढ़ा हुआ मानदेय दे रही है और अब उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पेंशन देने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है और यह महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
आंगनबाड़ी भर्ती में 20 हजार से अधिक आवेदन:
बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी और सहायिकाओं के 7038 पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने बताया कि आवेदन शुरू होने के पहले छह दिन में ही 20 हजार से अधिक महिलाओं ने आवेदन कर दिए हैं और आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी है।
नंदा गौरा योजना:
मंत्री ने नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन की तारीख 15 जनवरी तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
महिला कल्याण कोष:
मंत्री ने महिला कल्याण कोष की नियमावली अब तक स्वीकृत न होने पर नाराजगी जताई और अगली कैबिनेट बैठक से पहले इसे तैयार करने के निर्देश दिए।
अन्य योजनाओं की समीक्षा:
बैठक में महिला सारथी योजना, आंगनबाड़ी कल्याण कोष समेत कई अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।
यह फैसला उत्तराखंड की महिलाओं, खासकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे न केवल उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलेगी बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा।
मुख्य बिंदु:
* उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पेंशन देने की तैयारी
* नंदा गौरा योजना के लिए आवेदन की तारीख बढ़ाई
* आंगनबाड़ी भर्ती में 20 हजार से अधिक आवेदन
* महिला कल्याण कोष की नियमावली जल्द होगी तैयार