Connect with us

उत्तराखण्ड

एम्स के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू ने टॉपर छात्र-छात्रों को मेडल से नवाजा

Published

on

समारोह में 14 स्वर्ण पदक सहित 598 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी
ऋषिकेश। एम्स के चौथे दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हर क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती हुई भागीदारी एक बहुत बड़े और अच्छे सामाजिक बदलाव की तस्वीर प्रस्तुत करती है। एम्स दीक्षांत समारोह में भी पदक विजेताओं में छात्राओं की संख्या अधिक है। यह भी एम्स ऋषिकेश के लिए और पूरे समाज के लिए गर्व की बात है।
मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। राष्ट्रपति ने शैक्षणिक गतिविधियों में सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदकों से नवाजा। कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व स्तर की शिक्षा और सेवा प्रदान करना एम्स ऋषिकेश सहित सभी एम्स संस्थानों की बहुत बड़ी राष्ट्रीय उपलब्धि है। मेडिकल कॉलेज के रूप में एम्स संस्थानों ने सर्वश्रेष्ठ मापदंड स्थापित किए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक छात्र-छात्राओं का यह सपना होता है कि वो डॉक्टर बनें। उनमें से आप जैसे कुछ छात्र-छात्राएं ही यह सपना पूरा कर पाते हैं। कड़ी मेहनत और परिश्रम के बल पर यह सफलता अर्जित कर पाते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि यहां के विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सर्वे संतु निरामया… यानी सभी लोग रोगमुक्त हों। यह हम लोगों की पारंपरिक प्रार्थना है। इस प्रार्थना में निहित आदर्श को एम्स ऋषिकेश ने वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के लक्ष्य के रूप में अपनाया है। कहा एम्स का ध्येय वाक्य है.. विश्वारोग्यं हि धर्मो नः पूरे विश्व को सु-स्वस्थ एवं रोग-मुक्त बनाना हमारा धर्म, यानी आदर्श है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि एम्स के सभी छात्र, शिक्षक, चिकित्सक, नर्स संस्थान के इस ध्येय वाक्य को ही निजी जीवन और सेवा में अपना ध्येय वाक्य बनाएंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि में सबसे अच्छा और कम से कम खर्च में इलाज होना भी एम्स की पहचान है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आयुर्वेद सहित भारतीय परंपरा की उपचार पद्धतियों के लिए उत्तराखंड में अनेक लोकप्रिय स्वास्थ्य केंद्र हैं। एम्स ऋषिकेश में एलोपैथी के साथ-साथ आयुष चिकित्सा पद्धतियों से भी मरीजों का उपचार किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं चाहूंगी कि व्यापक स्तर पर उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराते हुए उत्तराखंड की इस देवभूमि की ख्याति आरोग्य भूमि के रूप में भी स्थापित हो।
14 में से 10 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिले
एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में छात्राओं का बोलबाला रहा। 14 स्वर्ण पदकों में से 10 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिले। जबकि चार स्वर्ण पदक छात्रों की झोली में आए। 10 सर्वश्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को 14 स्वर्ण पदकों से पुरस्कृत किया गया। 10 स्वर्णपदक विजेताओं में शामिल सात छात्राओं ने 10 स्वर्ण पदक अपने नाम किए। वहीं एक रजत व एक कांस्य पदक भी छात्राओं की झोली में आए। इस तरह समारोह में वितरित कुल 16 पदकों में से 12 पदक छात्राओं के नाम रहे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GET IN TOUCH

संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
दूरभाष: +91 9412960065
ई-मेल: [email protected]

Select Language

Advertisement

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860