मलबा आने से 21 आवासीय भवन क्षतिग्रस्त, कोटद्वार के बल्ली के मटियाल तोक में भी 22 परिवारों ने छोड़े घर
कोटद्वार। पौड़ी जिले की ग्राम पंचायत सिंदुडी के बैरागड गांव में बारिश ने तबाही मचाई। नाले के उफान के साथ बड़े-बड़े पत्थर और मलबा गांव तक आ पहुंचा। इससे 21 आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गए। इनमें तीन भवन पूरी तरह धराशायी हो गए, आठ मलबे में दब गए, जबकि 10 दरारें आने के कारण रहने लायक नहीं रहे गए हैं। करीब 200 ग्रामीणों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। जिला प्रशासन राजस्व, कृषि, पंचायत तथा पेयजल विभाग की टीमें भेजकर क्षति का आकलन करा रहा है।
पौड़ी जिले के ही यमकेश्वर ब्लाक के मोहनचट्टी में कैंपिंग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। भूस्खलन के चलते बदरीनाथ यात्रा मार्ग 18 घंटे के बाद दोपहर खुला, लेकिन शाम को फिर से चमोली के पीपलकोटी में अवरुद्ध हो गया। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, राज्य में अगले चार-पांच दिन अधिकतर क्षेत्रों में तीव्र बौछारों का क्रम बना रहने का अनुमान है।
बैरागड गांव के नजदीकी कुत्तकाटली नाले में पानी का प्रवाह बढ़ने लगा था, रात करीब साढ़े ग्यारह बाद नाले उफान आ गया। काफी संख्या में ग्रामीण पहले ही घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे, कुछ ने बाद में सतर्कता बरतते हुए भागकर जान बचाई। इनमें से कुछ ने नजदीक के क्षेत्रों में स्वजन के घरों पर शरण ली, कुछ ने बैरागड पुल व पेयजल टैंक के ऊपर रात गुजारी। इस दौरान क्षेत्र की बिजली भी गुल रही। उफान के साथ आए मलबा व पत्थरों ने देखते ही देखते गांव का भूगोल बदल दिया। इस गांव में 40 से अधिक परिवार रहते हैं, आसपास कुछ कैंप भी हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य के अनुसार इसी महीने आठ, नौ व 13 तारीख को भी यहां नाले में उफान आया था। यमकेश्वर के उप जिलाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि बैरागड गांव में क्षति का आकलन कराया जा रहा है। प्रभावितों को शीघ्र राहत सामग्री भी भेजी जाएगी।
मटियाल तोक के भवनों में भी दरारें पौड़ी जिले के कोटद्वार के नजदीकी क्षेत्र ग्रामसभा बल्ली के मटियाल तोक में वर्षा से कई भवनों में भी दरारें आ गईं। प्रशासन ने यहां रह रहे 22 परिवारों को भवन खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। ग्राम पंचायत उर्तिच्छा में भूस्खलन होने से कन्या जूनियर हाईस्कूल का भवन खतरे की जद में आ गया।