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उत्तराखण्ड

चमोली हादसे की मजिस्ट्रियल जांच में कंपनी दोषी, ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश

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जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने रिपोर्ट सरकार को भेजी, एसटीपी के संचालन का पूरा खर्च भी कंपनी से ही वसूले जाने की संस्तुति
गोपेश्वर। चमोली कंरट हादसे की मजिस्ट्रियल जांच में एसटीपी संचालक कंपनियों की लापरवाही सामने आई है। जांच के बाद कंपनी का दोषी पाते हुए उनका कांट्रेक्ट निरस्त करते हुए ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की गई है। कांट्रेक्ट की बाकी अवधि में एसटीपी के संचालन का पूरा खर्च भी कंपनी से ही वसूले जाने की संस्तुति है।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने यह रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। संचालक कंपनी और कांट्रेक्ट की शर्तों का पालन कराने में नाकाम रहे पेयजल विभाग के अफसरों के खिलाफ भी कानून कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
मजिस्ट्रेटी जांच अधिकारी एडीएम अभिषेक त्रिपाठी ने कंरट हादसे की जांच में सभी पहलुओं को शामिल किया है। हादसे की वजह, दोषी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सभी एसटीपी का सेफ्टी ऑडिट कराने का सुझाव भी दिया गया है। मालूम हो कि 18 और 19 जुलाई को एसटीपी में फैले कंरट की वजह से 16 लोगों की मौत हो गई थी। मजिस्ट्रेटी जांच में पेयजल और पावर कारपोरेशन कार्मिकों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। जांच में पाया गया कि कंपनी से कांट्रेक्ट करने के अधिकारियों ने भारी लापरवाही की। यदि कांट्रेक्ट की शर्तों का पूरी तरह से पालन होता तो हादसे से बचा भी जा सकता था। कांट्रेक्ट की शर्तों को पालन कराने में नाकाम रहे और नियमित निरीक्षण न करने वाले अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाए।

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