देहरादून। उत्तराखंड में सहकारी बैंकों में कर्मचारियों की भर्ती को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि सहकारी बैंकों में खाली पड़े 735 पदों को जल्द से जल्द भरा जाएगा। इसके लिए इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (आईबीपीएस) के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बैंकों में होगा ढांचे का पुनर्गठन
मंत्री ने विभागीय ढांचे में बदलाव लाने के निर्देश दिए हैं। जिला सहायक निबंधक के 17 पदों को बढ़ाकर 25 किया जाएगा। इसके अलावा, उपनिबंधकों के खाली पांच पदों को भरने और एआर की डीपीसी एक माह के भीतर करने के निर्देश दिए गए हैं।
लंबे समय से छुट्टी पर चल रहे कर्मचारियों को होगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बैंकों में लंबे समय से छुट्टी पर चल रहे कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इससे बैंकों में खाली पदों को भरने में मदद मिलेगी।
प्रदेश की सभी ग्राम सभाओं में बनेगी सहकारी समिति
सहकारिता मंत्री ने प्रदेश की सभी 7,950 ग्राम सभाओं में सहकारी समितियों का गठन करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में पांच हजार सहकारी समितियां पहले से ही कार्यरत हैं और 2,950 नई सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के दौरे की तैयारियां
मंत्री ने बैठक में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के उत्तराखंड दौरे के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं के बारे में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए।
सहकारी बैंकों में कर्मचारियों की कमी दूर होगी
राज्य सहकारी बैंक के एमडी नीरज बेलवाल ने बताया कि सहकारी बैंकों में कुल 2,033 पदों में से 1,498 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं और 735 पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की भर्ती से बैंकों में कर्मचारियों की कमी जल्द दूर होगी।
सहकारिता विभाग के बारे में
सहकारिता विभाग राज्य में सहकारी समितियों के विकास और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। यह विभाग किसानों, ग्रामीण लोगों और अन्य हितधारकों को सहकारी समितियों के माध्यम से विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है।
उत्तराखंड में सहकारी बैंकों में भर्ती की प्रक्रिया होगी तेज, ढांचे में होगा बदलाव
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