देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानून बनते ही उनके लिए सरकारी सेवाओं में आरक्षण का रास्ता साफ हो गया। प्राेविंशियल सिविल सर्विस (पीसीएस) परीक्षा में भी यह आरक्षण लागू होगा।
कार्मिक विभाग ने उत्तराखंड सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा, 2024 के लिए राज्य लोक सेवा आयोग को भेजे जाने वाले भर्ती प्रस्ताव (अधियाचन) में राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए क्षैतिज आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही इस परीक्षा के लिए राजस्व, गृह व कारागार और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, विभागों में सात पद उनके लिए आरक्षित किए हैं।
गैरसैंण में विधानसभा के मानसून सत्र का अवसर उत्तराखंड राज्य आंदाेलनकारियों व उनके आश्रितों के लिए नई खुशियां लेकर आया है। उनके लिए सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण से संबंधित विधेयक को राजभवन ने स्वीकृति दी। इसके बाद 18 अगस्त, 2024 को अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह कानून प्रदेश में लागू हो गया। प्रदेश सरकार ने भी इस कानून को क्रियान्वित करने में देर नहीं लगाई।
कार्मिक अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव को क्षैतिज आरक्षण के नए कानून के अनुसार उत्तराखंड सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा, 2024 के अधियाचन को क्रियान्वित करने को कहा है।
शासनादेश में अधियाचन में सम्मिलित विभिन्न विभागों में राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों के लिए आरक्षण के अनुसार पदों का निर्धारण भी किया है। आठ विभागों के 11 पदनाम के 117 पदों के लिए यह परीक्षा होगी। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के दायरे में तीन विभागों के तीन पदनामों के सात पद आ रहे हैं। कार्मिक अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने बताया कि राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के कुल 36 पदों में से तीन पद, गृह व कारागार विभाग के उप कारापाल के कुल 14 पदों में से एक और खाद्य विभाग के पूर्ति निरीक्षण के कुल 36 पदों में से तीन पद राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को पीसीएस परीक्षा में भी मिलेगा आरक्षण
By
Posted on