नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने जोशीमठ भू-धंसाव की पहली सैटेलाइट फोटो जारी की हैं। जोशीमठ के भू धंसाव की फोटो काटरेसैट-2एस सैटेलाइट की मदद से ली गई हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था के हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने सैटेलाइट से जोशीमठ की आपदा का जायजा लिया है। उसके अनुसार जोशीमठ शहर धंस जाएगा। एनआरएससी की रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल से नवंबर 2022 तक जमीन धंसने का मामला धीमा था। इन सात महीनों में जोशीमठ 8.9 सेंटीमीटर धंसा है। 27 दिसंबर 2022 से लेकर 8 जनवरी 2023 तक यानी 12 दिनों जमीन धंसने की तीव्रता 5.4 सेंटीमीटर हो गई। यानी की 12 दिनों जोशीमठ को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा।