हरिद्वार– शांतिकुंज में तीन दिवसीय गुरुपूर्णिमा महापर्व के दूसरे दिन मंगल शोभायात्रा निकाली गयी
इस अवसर पर गुरुधाम पहुंचे देश विदेश के साधकों ने सद्गुरु द्वारा सौंपे गये कार्यों को पूरा करने के संकल्प के साथ शोभायात्रा में भाग लिया। शोभायात्रा को वैदिक कर्मकाण्ड एवं जयघोष के साथ आरती कर दिखाकर रवाना किया। शंख, मंजिरा एवं बैण्ड धुन आदि वाद्ययंत्रों ने धुनों ने लोगों के उत्साह को कई गुना कर दिया। इस शोभायात्रा में शांतिकुंंज के स्वयंसेवियों सहित देश-विदेश से आये गायत्री साधकों ने भाग लिया। शोभायात्रा शांतिकुंज के गेट नं. तीन से निकली और हरिपुर कलां में गुरु की महानता का अलख जगाते हुए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर पहुंची। जहाँ प्रज्ञेश्वर महादेव की परिक्रमा के बाद वापस शांतिकुंज लौट आयी। शांतिकुंज पहुँचने पर शोभायात्रा का कन्याओं ने आरती कर भव्य स्वागत किया। ऋषियुग्म की पावन समाधि के पास पहुंचकर शोभायात्रा का समापन हुआ। इस अवसर पर उपस्थित देश विदेश से आये हजारों शिष्यों ने अपने आराध्य-सद्गुरु पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्यश्री केसंकल्पनाओं को पूरा करने की शपथ ली। श्री श्यामबिहारी दुबे ने अपनी संकीर्णता से ऊपर उठकर कार्य करने के लिए आवाहन किया।
पावन गुरुपूर्णिमा के पूर्व संध्या पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री महेन्द्र शर्मा ने कहा कि सद्गुरु के प्रति शिष्य का समर्पण का पर्व है गुरुपूर्णिमा। इस वर्ष दिव्य एवं कई मंगल योग के साथ गुरुपूर्णिमा पर्व आया है। ऐसे समय में महाकाल स्वरूप सद्गुरु के अनुशासनों को पालन करने से शिष्य का इहलोक लोक से लेकर परलोक भी सुधरता है। इस अवसर पर शांतिकुंज, देवसंस्कृति परिवार सहित देश विदेश से आये हजारों साधक उपस्थित रहे।
शांतिकुंज मीडिया विभाग ने बताया कि गुरु पूर्णिमा महापर्व का मुख्य कार्यक्रम ३ जुलाई को होगा। गुरु महापर्व के अवसर पर प्रातःकालीन सभा में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैलदीदी गायत्री महामंत्र की दीक्षा देंगे, तो वहीं विभिन्न संस्कार भी निःशुल्क सम्पन्न कराये जायेंगे।