रानीपुर(हरिद्वार)- भेल ई.एम.बी. द्वारा संचालित बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में श्री गंगा अवतरण का कार्यक्रम धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को यह बताने का प्रयास किया गया कि हमारी भारतीय संस्कृति में गंगा माता का क्या महत्व है। कार्यक्रम का आरंभ करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्य संगीता चौहान ने कहा कि गंगा सप्तमी के दिन ही पृथ्वी पर मां गंगा का अवतरण हुआ था। मां गंगा मोक्षदायिनी है तथा पापों का विनाश करती है, सदमार्ग पर लेकर जाती है। इसके आचमन करने मात्र से ही संपूर्ण पाप समाप्त हो जाते हैं। गंगाजल यदि बहुत दिनों तक रखते हैं तो वह खराब भी नहीं होता क्योंकि इसके अंदर अद्भुत औषधि के अलावा अमृता लाने की क्षमता होती है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ शिक्षक बृजेश कुमार शर्मा ने कहा कि राजा सगर के पुत्र अंशुमन ने अपने 60000 चाचाओ की मुक्ति के लिए कपिल मुनि द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करते तप किया तथा वरदान फलस्वरूप मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ। अवतरण के समय गंगा जी ने पहले तो आने से मना कर दिया परंतु शंकर जी व भगवान विष्णु जी के समझाने पर वह बोली कि मुझे शंका है, कि यदि मैं पृथ्वी पर गई तो मेरे वेग को कौन संभालेगा तथा पापियों के पाप से मैं लगातार दूषित होती जाऊंगी और मेरा अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। तब देवताओं ने कहा कि इसमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है आपके वेग को शंकर जी की जटाएं संभालेगी तथा पृथ्वी पर सभी अवतार एवं पुण्य आत्माएं अपने दर्शन एवं स्नान से आपको पाप मुक्त करेंगे तथा आप का प्रवाह अविरलता के साथ बना रहेगा। गंगा जी इस आश्वासन के आधार पर पृथ्वी पर आई और आगे आगे अंशुमन अर्थात भागीरथ जी व पीछे पीछे मां गंगा चलती रही और आज लगातार गंगा हमारे पूर्वजों को मोक्ष दिलाने का कार्य कर रही है।
इस कलयुग में यह दो गंगा ही हमें पावन करती हैं एक पतित पावनी गंगा दूसरी श्री भागवत गंगा जी,दोनों ही तीन प्रकार से मोक्ष की प्राप्ति कराती है पहले वह जो सुनने वाले, सुनाने वाले एवं उसको कराने वाले। दूसरा गंगा स्नान आचमन, स्पर्श करने वाले तीसरे दर्शन मात्र से तीन प्रकार से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अतः मां गंगा की महिमा जितनी कहीं जाए उतनी कम है ,हमें आज गंगा के इतिहास को जानना चाहिए इसकी स्वच्छता, अमृता के लिए प्रयास करना चाहिए।
विद्यालय के शिक्षक अब्दुल रहमान ने कहा कि गंगा केवल हिंदुओं की आस्था का प्रतीक नहीं है वह सभी धर्मों का कल्याण एवं मोक्ष करने वाली है, इसलिए इसकी स्वच्छता के लिए संकल्प हमें लेना चाहिए तथा अंत में सभी विद्यार्थियों व शिक्षकों ने मां गंगा को स्वच्छ व निर्मल रखने की शपथ भी ली। विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक श्री जय ओम गुप्ता जी के द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया।कार्यक्रम का संचालन संदीप गोयल ने किया।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षक सुमनलता, शोभा गुप्ता,प्रेरणा शर्मा, साधना धीमान, नीना चावला, पीके वर्मा, नीरज, उमेश बहुगुणा, पंकज मल्हान, एसके सिसोदिया, सुरेंद्र सिंह, शिखा, नीरज राजीव कुमार, आनंद राजपूत, मनोज जय ओम गुप्ता, रामजी लाल, संध्या शर्मा, निखत परवीन, सुखबीर सिंह, मीनाक्षी जोशी, विभा पांडे, महेश चंद, उपदेश कुमार, सुनील सैनी, अजय कुमार, स्वर्ण लता, अब्दुल रहमान, अरुणा चौहान, उषा रानी, राजीव सिंह, राम अवध, संतोष, देवेंद्र सिंह भाटी, अलका शर्मा, राजकुमार आदि उपस्थित रहे।