सरकार ने 200 करोड़ रुपये वेंचर फंड बनाया, स्टार्टअप करने वालों को मिलेगा बढ़ावा
देहरादून। प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अब स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र का विकास के साथ दूसरों को भी रोजगार मिलेगा। धामी कैबिनेट ने स्टार्ट अप नीति को मंजूरी दे दी है। आगामी पांच वर्षों में प्रौद्योगिकी संचालित उद्यमों सहित 1000 स्टार्टअप के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप या छात्र-उद्यमी स्टार्ट अप, जिनकी परियोजना टास्क फोर्स द्वारा अनुमोदित होंगी। उन्हें 15000 रुपये प्रति स्टार्ट-अप मासिक भत्ता और ग्रामीण प्रभाव वाले स्टार्टअप को 20 हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा।
सरकार ने 200 करोड़ रुपये के वेंचर फंड की स्थापना की है। नीति में स्कूल कालेज के स्तर पर ही नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए छात्र-उद्यमी स्टार्ट अप को बढ़ावा दिया जाएगा। स्टार्ट अप को 10 लाख रुपये तक की एकमुश्त सीड फंडिंग दी जाएगी। महिला उद्यमी और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग, ट्रांसजेंडर व ग्रामीण प्रभाव वाले स्टार्ट अप को 12.5 लाख रुपये की सीड फंडिंग होगी।
नवाचार का पेटेंट करने पर इसके लिए एक लाख रुपये तक की राशि प्रति पेटेंट और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए पांच लाख रुपये प्रति पेटेंट दिया जाएगा। ट्रेड मार्क आवेदन दाखिल करने पर 10 हजार रुपये प्रति ट्रेडमार्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि की कमी को देखते हुए निजी क्षेत्र में उद्योग विभाग के सहयोग से औद्योगिक आस्थान खोले जाएंगे। निजी औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के लिए पर्वतीय क्षेत्र में दो एकड़ और.मैदानी क्षेत्र में 30 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। यहां की सड़क, पानी.और बिजली आदि की व्यवस्था औद्योगिक विकास विभाग करेगा। वस्त्र, एरोमा, ऑटोमोबाइल, आईटी, एयरोस्पेस एवं रक्षा, मेडिसिटी, फिल्म क्षेत्र आदि के विकास के लिए निजी क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। निजी क्षेत्र.को सरकार बुनियादी ढांचे के विकास को 10 लाख रुपये प्रति एकड़ और सीईटीपी संयंत्र पर किए जाने पर अचल पूंजी निवेश का 40 प्रतिशत व अधिकतम एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देगी।