आठ साल पुराने मामले की जांच में आरोपी कर्मचारी पर खतौनी मद, ई-जनाधार और आय-व्यय की राशि गबन करने के आरोपों की पुष्टि
हल्द्वानी। 42.32 लाख की सरकारी धनराशि गबन करने के आरोप में तहसील के दाखिल खारिज मुहर्रिर मो. जफर आलम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आठ साल पुराने मामले की जांच में आरोपी कर्मचारी पर खतौनी मद, ई-जनाधार और आय-व्यय की राशि गबन करने के आरोपों की पुष्टि हुई है।
वर्ष 2015 में दाखिल खारिज मोहर्रिर मो. जफर आलम हल्द्वानी तहसील में नायब नाजिर के पद पर तैनात थे। पद पर रहते हुए उनपर 42,32,262 रुपये के गबन का आरोप लगा था। मामले की जांच की गई तो पता चला कि तत्कालीन नायब नाजिर ने खतौनी मद में 27,08,010 रुपये, ई-जनाधार से प्राप्त आय के 14,92,452 रुपये और आय-व्यय के 28,800 रुपये गबन किए हैं। इतनी धनराशि उन्होंने जनाधार केंद्रों से तो वसूल की, लेकिन उसे विभागीय बैंक खाते में जमा नहीं कराया। वर्ष 2020 में तत्कालीन तहसीलदार हल्द्वानी नीतू डागर ने जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी। इसके बाद वर्ष 2021 में भी सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी ऋचा सिंह को जांच सौंपी गई, जिनकी जांच रिपोर्ट में मो. जफर पर लगे गबन के आरोप सही साबित हुए हैं। तहसीलदार हल्द्वानी सचिन कुमार ने बताया कि इस मामले में गुरुवार को आरोपी दाखिल खारिज मुहर्रिर को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है।
हल्द्वानी में 42.32 लाख की सरकारी धनराशि गबन करने के आरोप में मुहर्रिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज
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