हल्द्वानी: भोटिया पड़ाव निवासी 52 वर्षीय गोपाल सिंह बिष्ट ने बीमारी और नौकरी छूटने के गम में आत्महत्या कर ली। वे मुखानी के पास एक अस्पताल में वार्ड बॉय के पद पर कार्यरत थे।
एक महीने पहले गोपाल सिंह को लकवा मार गया था। बीमारी के कारण अस्पताल प्रशासन ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। नौकरी जाने और बीमारी के कारण वे मानसिक तनाव में चल रहे थे। मंगलवार को उन्हें अपने कमरे में फंदे से लटकते हुए पाया गया।
कोतवाल राजेश यादव ने बताया कि परिजनों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के तीन बच्चे और पत्नी हैं।
बीमारी और बेरोजगारी का संयुक्त दुष्प्रभाव:
गोपाल सिंह की मौत ने एक बार फिर बीमारी और बेरोजगारी के संयुक्त दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला है। बीमारी के कारण आर्थिक तंगी और नौकरी छूटने का मानसिक तनाव अक्सर लोगों को आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए मजबूर कर देता है।
समाज के लिए संदेश:
गोपाल सिंह की मौत समाज के लिए एक बड़ा संदेश है। हमें ऐसे लोगों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है जो बीमारी या बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्हें मानसिक और आर्थिक सहायता प्रदान करके हम ऐसे हादसों को रोकने में मदद कर सकते हैं।
सरकारी तंत्र की भूमिका:
सरकार को भी ऐसे लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए। इसके साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।
यह घटना एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य।
हल्द्वानी में लकवाग्रस्त अधेड़ ने की आत्महत्या
By
Posted on