देहरादून। ऑनलाइन गेमिंग साइट में कमाई का झांसा देकर टिहरी के एक युवक का बैंक खाता खुलवाकर दो जालसाजों ने उसमें साइबर ठगी की रकम जमा करानी शुरू कर दी। कुछ ही समय में खाते में 5 करोड़ रुपये जमा हो गए। साइबर पोर्टल पर शिकायत आने के बाद बैंक ने खाता ब्लॉक कर दिया।
घटना का खुलासा तब हुआ जब टिहरी गढ़वाल के भरत सिंह (22), निवासी मेड़, घनसाली को बैंक से सूचना मिली कि उसके केनरा बैंक के करंट अकाउंट में भारी लेन-देन हुआ है और खाते को साइबर धोखाधड़ी की वजह से बंद कर दिया गया है।
ऐसे फंसा भरत सिंह
भरत सिंह वर्ष 2022 में प्रेमनगर, देहरादून में सेल्फ स्किल डेवलपमेंट कोर्स करने आया था। यहां उसकी मुलाकात संदीप सिंह, पुत्र पशमिंदर सिंह, निवासी अर्जुनपुर, रुद्रपुर (ऊधमसिंहनगर) से हुई। कोर्स पूरा होने के बाद भरत अपने गांव लौट आया और स्मार्ट मोबाइल जोन नाम से मोबाइल रिपेयरिंग और बिक्री की दुकान खोल ली।
सितंबर 2023 में संदीप ने भरत से संपर्क किया और बताया कि वह अपने दोस्त हरजिंदर सिंह, पुत्र जरनैल सिंह, निवासी दिनेशपुर, रुद्रपुर के साथ मिलकर ऑनलाइन गेमिंग का व्यवसाय कर रहा है। उसने भरत को करंट अकाउंट खुलवाने का प्रस्ताव दिया और भरोसा दिलाया कि यह पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया होगी।
भरत ने पहले मना किया लेकिन आरोपी भरत की दुकान पर पहुंचे और उसे झांसे में लिया। इसके बाद भरत ने स्मार्ट मोबाइल जोन के नाम से केनरा बैंक में करंट अकाउंट खुलवा लिया। खाते की प्रक्रिया पूरी होने के बाद संदीप और हरजिंदर ने पासबुक और चेक मांगे, लेकिन भरत ने देने से इनकार कर दिया।
खाते में 5 करोड़ रुपये का लेन-देन
कुछ दिनों पहले बैंक से सूचना मिली कि खाते में 4 से 5 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है और साइबर धोखाधड़ी की शिकायत पर खाता बंद कर दिया गया है। तब जाकर भरत को इस ठगी का अहसास हुआ।
जब भरत ने संदीप और हरजिंदर से संपर्क किया तो उन्होंने उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो उसकी हत्या कर दी जाएगी। डर के कारण भरत ने पहले रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। बाद में साइबर थाना, देहरादून पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
साइबर थाने के डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जांच में यह भी सामने आया कि ठगी की गई रकम भरतपुर, राजस्थान स्थित एक्सिस बैंक के खातों में जमा की गई थी। ये खाते किसी अशिक्षित बुजुर्ग के नाम पर थे, जिनका इस्तेमाल ठगी की रकम को छुपाने के लिए किया गया।
अब पुलिस दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
