मुख्यमंत्री ने दून में विभाजन का शिकार लोगों की स्मृति में एक स्मारक बनाने की घोषणा की
देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि देवभूमि के सनातन स्वरूप को किसी भी कीमत पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की डेमोग्राफी को बदलने का जो षड़यंत्र चल रहा था, उसके खिलाफ हमारी सरकार ने एक्शन लेकर नाकाम किया है। वन व सरकारी सम्पत्तियों में अवैध रुप से बने धार्मिक स्थलों से अतिक्रमण को हटाया गया है। उन्होंने दून में विभाजन का शिकार लोगों की स्मृति में एक स्मारक बनाने की भी घोषणा की।
सुभाष रोड स्थित लार्ड बैंक्वेट वेडिंग प्वाइंट में विभाजन विभिषिका सेनानी सम्मान समारोह में सीएम ने कहा कि राज्य में जो असामाजिक ताकतें सक्रिय हैं, उन घुसपैठियों, षडयंत्रकारियों को नहीं छोड़ा जाएगा। राज्य में जेहादी ताकतों को पनपने नहीं दिया जाएगा। राज्य में धर्मांतरण कानून लाने के बाद अब समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कार्य चल रहा है। ज्यों ही ड्राफ्ट आएगा, सरकार उस पर निर्णय ले लेगी। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार ने कभी भी विभाजन के दौरान हुए दंगों के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया। न बंटवारे का जख्म भरने की कोशिश की। बीजेपी सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए। उन्होंने विभाजन के दौरान हुई अत्याचार की घटनाओं के शिकार लोगों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी और विभाजन का दंश झेलने वाले बुजुर्गों को भी सम्मानित किया। आयोजकों की ओर से इस मौके पर साढ़े तीन सौ से अधिक ऐसे बुजुर्गों का सम्मान किया गया।
इस मौके पर महामंडलेश्वर धरमदेव महाराज, रुद्रपुर के विधायक शिव अरोड़ा, देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा, कैंट विधायक सविता कपूर, बीजेपी महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, विश्वास डाबर, बलदेव पराशर, देवेन्द्र पाल सिंह मोंटी, नीरज सेठी, विनय कोहली, संतोख नागपाल, राजेन्द्र ढिल्लों, दिनेश मानसेरा, सुनील मैसोन, डीडी अरोड़ा, संजीव विज, अशोक वर्मा, गुरुपाल सिंह, कोमल बोरा, राजीव सच्चर आदि मौजूद रहे।
देवभूमि के सनातन स्वरूप बिगड़ने नहीं दिया जाएगा : धामी
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