भीमगोड़ा बैराज के सभी 22 गेट खोलने पड़े, गंगा तट की आबादी में बाढ़ का खतरा, सतर्कता के लिए मुनादी कराई गई
हरिद्वार। पहाड़ों में भारी बारिश और रुद्रप्रयाग से अतिरिक्त 5600 क्यूमेक्स जल छोड़े जाने के बाद हरिद्वार में गंगा का जलस्तर रिकार्ड स्तर पर बढ़ने से कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए। सोमवार दोपहर दो बजे भीमगोड़ा बैराज पर गंगा का जलस्तर 295.70 मीटर दर्ज हुआ। इस दौरान गंगा उच्चतम बाढ़ के निशान से मात्र 60 सेंटीमीटर नीचे बही। बैराज से निचले इलाकों में जल का डिस्चार्ज 373130 क्यूसेक किया गया। वर्ष 2013 के बाद पहली बार ऐसी स्थिति बनी है कि भीमगोड़ा बैराज के सभी 22 गेट खोलने पड़े।
भीमगोड़ा बैराज से डिस्चार्ज बढ़ने के बाद तटीय इलाकों में बसे करीब 70 से 80 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इधर बैरागी कैंप जलमग्न हो गया है। इस दौरान एनएचएआई का प्लांट गंगा के जल में डूब गया। प्लांट में मौजूद करीब 200 कर्मचारियों ने इस दौरान प्लांट की छत पर चढ़ कर जान बचाई। सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने जेसीबी की मदद से फंसे कर्मचारियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। वहीं बैरागी कैंप कॉलोनी के अलावा पुलिस घुड़सवार लाइन भी गंगा के जल में डूब गई। गंगा का करीब दो से तीन फुट जल कॉलोनी की सड़कों पर जमा है।
शनिवार और रविवार की मध्य रात्रि को गंगा का जलस्तर चेतावनी निशान से ऊपर 293.05 मीटर पहुंच गया। रविवार रात दो बजे गंगा खतरे के निशान को पार कर गई। इस दौरान गंगा का जलस्तर 294.40 मीटर दर्ज हुआ। सोमवार दोपहर एक बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर चला गया। दोपहर दो बजे गंगा का जलस्तर 295.70 मीटर दर्ज किया गया। इस दौरान निचले इलाकों लक्सर, खानपुर, श्यामपुर, गैंडीखाता आदि क्षेत्रों में गंगा के तटीय इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए। प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
वहीं, भीमगोड़ा बैराज पर शनिवार से गंगा के जलस्तर में इजाफा होने के बाद जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने अलर्ट जारी कर दिया था। इस दौरान सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया। डीएम ने गंगा के किनारे रहने वालों लोगों से सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का आग्रह किया। यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारी भी डीएम को समय समय पर जलस्तर की जानकारी देते रहे।
यूपी सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनिल कुमार निमेष ने बताया कि सोमवार को दोपहर दो बजे गंगा का जलस्तर 295.70 मीटर दर्ज हुआ। इस दौरान निचले इलाकों में पानी का डिस्चार्ज 373130 क्यूसेक रहा। गंगा का चेतावनी निशान 293 मीटर और खतरे का निशान 294 मीटर और उच्चतम बाढ़ का निशान 296.30 मीटर है।
भीमगोड़ा बैराज से गुरुवार को 373130 क्यूसेक जल का डिस्चार्ज किया गया। इससे पहले वर्ष 2021 में बैराज से 392000 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया था। वहीं वर्ष 2013 में 525000 क्यूसेक जल का डिस्चार्ज रहा था। सामान्य दिनों में बैराज से एक लाख 10 हजार से एक लाख 25 हजार क्यूसेक तक पानी डिस्चार्ज किया जाता है। बैराज से जल का डिस्चार्ज बढ़ने के बाद निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। अभी तक इस साल का यह रिकॉर्ड जलस्तर है।