हरिद्वार- बाघम्बरी पीठाधीश्वर एवं बिल्वकेश्वर मंदिर के व्यवस्थापक श्रीमहंत बलवीर गिरी महाराज ने कहा है कि सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना ही संत महापुरुषों का दायित्व है। हरिद्वार के संतों ने भारत का जो स्वरूप विश्व पटेल पर प्रस्तुत किया है वह अद्भुत व अकल्पनीय है। बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर में पुरुषोत्तम एवं श्रावण मास पर्यंत इक्कीस विद्वान पंडितो द्वारा जारी धार्मिक अनुष्ठान के संपूर्ण होने पर विश्व शांति के लिए हवन यज्ञ किया गया जिसमें सभी तेरह अखाड़े के संत महापुरुषों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि सर्व प्राचीन सनातन धर्म अजर, अमर, अविनाशी है जिससे भारत संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करता चला रहा है। अब वह दिन दूर नहीं जब विश्व गुरु के रूप भारत एक बार फिर उभरेगा। नगर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि युवा संत सनातन धर्म की रीड़ हैं। जो भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहे हैं। श्रीमहंत बलवीर गिरी महाराज युवा एवं ऊर्जावान संत है जो अपने तप और विद्वत्ता के माध्यम से समाज को नई दिशा प्रदान करते हुए धर्मनगरी का गौरव बढ़ा रहे हैं। युवा संतो को इनसे प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करना चाहिए।महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वरदास महाराज ने कहा कि श्रीमहंत बलवीर गिरि महाराज के नेतृत्व में बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर एवं प्रयागराज स्थित लेटे हनुमान मंदिर की व्यवस्था सराहनीय रूप से संचालित हो रही है। संत समाज उनके उज्जवल भविष्य एवं दीर्घायु की कामना करता है। इस दौरान अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने श्री महंत बलवीर गिरी महाराज को फरसा भेंट कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान मंहत नरेश गिरी, राजमाता आशा भारती, स्वामी नित्यानंद, स्वामी पुनीत पुरी, दिगंबर राजगिरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, स्वामी मधुर वन, स्वामी रघुवन, स्वामी पूर्णानंद गिरी महाराज सहित शहर के अनेक गढ़मान्य लोग उपस्थित रहे।
सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना संतों का मूल उद्देश्य:- श्रीमहंत बलवीर गिरी
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