बिचौलिए से सामान के लालच में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा, जांच के आदेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक नया खेला देखने को मिला है। उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था ने एक ऐसा काम कर दिया है, जिसको देख-सुन कर हर कोई हैरान और परेशानी है। भाई तथा बहन के आपस में फेरे कराने का यह मामला उत्तर प्रदेश की लखनऊ से लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है।
उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी ने हर किसी को परेशान और शर्मशार करने वाला काम किया है। यह मामला सामूहिक विवाह से जुड़ा है। आपको बता दें उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की चलाई जा रही है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में गरीब वर्ग से आने वाली लड़कियों का सामूहिक विवाह करवाया जाता है। लेकिन पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश में शुरू की गई, इस योजना में फर्जीवाड़ा देखने को मिल रहा है। कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के झांसी से एक मामला सामने आया था, जिसमें जीजा-साली की शादी करा दी गई थी। वहीं अब एक और ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें गृहस्थी के सामान के लालच में बिचौलियों ने भाई और बहन के ही फेरे करवा दिए। इस मामले की जानकारी मिलते ही जिले के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आपको बता दें यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले का है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुए इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिलते ही क्षेत्र विकास अधिकारी (BDO) ने शादी में दिए गए गृहस्थी के सामान के साथ ही अनुदान के तौर पर दी जाने वाली 35 हजार रुपए की धनराशि पर भी रोक लगाने की सिफारिश की है। आपको बता दें 5 मार्च को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजन के तहत उत्तर प्रदेश के महराजगंज के लक्ष्मीपुर ब्लॉक में 38 जोड़ों की शादी करवाई गई थी। जिसमें लक्ष्मीपुर क्षेत्र में स्थित एक गांव की युवती का भी रजिस्ट्रेशन करवाया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार युवती की एक साल पहले ही शादी हो चुकी थी, और उसका पति पैसे कमाने के लिए घर से बाहर गया हुआ था। इसके बाद बिचौलियों ने युवती को शादी के लिए एक बार फिर से तैयार कर लिया, लेकिन इस दौरान जिस लड़के को उससे शादी करने के लिए बुलाया गया वो मौके पर पहुंचा ही नहीं। जिसके बाद बिचौलियों ने योजना के तहत मिलने वाली अनुदान राशि के लालच में युवती और उसके भाई के बीच ही फेरे करवा दिए।
मामले की जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के महराजगंज के लक्ष्मीपुर के बीडीओ अमित मिश्रा ने बताया कि 5 मार्च को हुए जिले में हुए सामूहिक विवाह समारोह में एक युवती की उसके भाई के साथ फर्जी तरीके से शादी कराने का मामला सामने आया है। इस मामले की शुरुआती जांच के बाद योजना में मिलने वाला सारा सामान वापस मंगवा लिया गया है। साथ ही इस योजना में मिलने वाली धनराशी पर भी रोक लगाने की सिफारिश की गई है। इस मामले की जांच कराई जा रही है। जांच पूरी होने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सगे भाई-बहन की करवा दी शादी, खुलासा होने पर मचा हड़कंप
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