परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
देहरादून: आईएसबीटी चौकी की पुलिस की घोर लापरवाही के कारण एक मजदूर की लाश का अज्ञात में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना के अनुसार, 9 सितंबर को आईएसबीटी फ्लाईओवर के नीचे से एक अज्ञात व्यक्ति की लाश बरामद हुई थी। पुलिस ने लाश का पंचनामा भरकर मोर्चरी में रख दिया। उसी दिन मृतक हरगोविंद की पत्नी बबीता अपने बेटे के साथ उसकी तलाश में आईएसबीटी चौकी पहुंची थी। उन्होंने चौकी के कर्मचारी को हरगोविंद का फोटो दिखाया, लेकिन पुलिस ने फोटो से लाश का मिलान करने की जहमत नहीं उठाई। तीन दिन बाद 12 सितंबर को अज्ञात लाश का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
जब 12 सितंबर को बबीता फिर चौकी पहुंची तो उन्हें बोर्ड पर लगी लाश की तस्वीर से हरगोविंद की पहचान हो गई। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। फुटेज में हरगोविंद को दो लोगों द्वारा पीटे जाने की पुष्टि हुई है।
परिवार का रोना: मृतक के परिवार ने पुलिस की इस लापरवाही पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उनका कहना है कि अगर पुलिस समय पर सतर्क होती तो उन्हें अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने का मौका मिल जाता। बबीता ने बताया, “जब मैंने चौकी पर जाकर हरगोविंद की फोटो दिखाई तो मुझे आश्वासन दिया गया था कि उसकी तलाश की जा रही है। लेकिन तीन दिन बाद मुझे बताया गया कि उसका अंतिम संस्कार हो चुका है। मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जीऊंगी।”
पुलिस अधिकारी का बयान: सीओ सदर अनिल कुमार जोशी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने यह भी माना कि पुलिस की ओर से हुई लापरवाही की जांच की जाएगी।
सवाल उठ रहे हैं: इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस की इतनी लापरवाही किसी आम आदमी के साथ हो सकती है? क्या पुलिस ने जानबूझकर इस मामले में लापरवाही बरती? इन सवालों के जवाब मिलना अभी बाकी है।
यह मामला एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाता है।
