उत्तराखण्ड

‘वाटर हीरो’ चंदन के जुनून से हरे-भरे हुए विरान पहाड़

पर्यावरण बचाने के लिए 1.13 लाख पौधे लगा चुके हैं चंदन नयाल


हल्द्वानी।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर पहचान बनाने वाला चंदन नयाल किसी परिचय के मोहताज नहीं है। पर्यावरण बचाने के लिए एक लाख 13 हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं। इनमें 53 हजार पौधे खुद लगा दिए हैं। जल संचय करने के लिए हजारों चाल-खाल बना चुके हैं। उजाड़ पहाड़ों में हरियाली ला चुके हैं।


ओखलकांडा के ग्राम नाई के तोक चामा के चंदन नयाल ने यह सब बिना किसी सरकारी मदद से कर दिखाया है। 29 वर्षीय चंदन नयाल ने 2012 में बांज के पेड़ों की अहमियत समझी। उजाड़ और बंजर होते पहाड़ों में बांज के पौधे लगाए। पौधों को बचाने के लिए चाल-खाल के रूप में गड्ढे खोदे। उनकी मेहनत रंग लाई और लोग भी साथ जुड़ते गए। जनजागरूकता अभियान चलाए। लोगों ने भी पर्यावरण को बचाने के लिए चंदन के साथ हाथ बढ़ाए और छोटे-छोटे पोखर बनाकर बरसात का पानी एकत्र करने लगे।

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चंदन के मुताबिक बांज के पेड़ आसपास के क्षेत्र की नमी को पूरा कर अन्य प्रजातियों के संरक्षण में योगदान देते हैं इसलिए नाई गांव से सटे तीन हेक्टेयर में बांज के पौधे रोपे गए।

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120 से अधिक गांवों में जागरूकता अभियान चलाया। अब तक 400 स्कूल में जागरूकता अभियान चला चुके हैं।

चंदन बताते हैं, 2020 में लोग कोरोना की डर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। उन्होंने इसी वक्त को इस्तेमाल चाल-खाल, छोटे-छोटे पोखर बनाने में किया। इससे जल संकट दूर हुआ और पौधे तेजी से ग्रो करने लगे। जल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय की ओर से दो साल पहले चंदन को वाटर हीरो सम्मान भी मिला था।

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