गढ़वाल से 210, कुमाऊं से 129 बने थे दारोगा, ये दारोगा हुए थे निलंबित
देहरादून। दारोगा भर्ती में हुई घपलेबाजी की जांच कर रही विजिलेंस इसी माह शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। करीब 13 महीने पहले भर्ती में गड़बड़ी को देखते हुए शासन ने विजिलेंस को जांच के आदेश दिए थे। विजिलेंस ने प्राथमिक जांच में 20 दारोगाओं की भूमिका पर संदेह जताते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। इसके बाद मामले की जांच ठंडे बस्ते में चली गई। वर्ष 2015 में 339 दारोगाओं की भर्ती हुई थी।
2022 में जब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की भर्ती परीक्षा में नकल की बात सामने आई और नकल माफिया हाकम सिंह रावत के साथ कुछ दारोगाओं की फोटो प्रसारित हुई तो दारोगा भर्ती की भी जांच शुरू हुई। अक्टूबर 2022 को शासन के आदेश पर जांच करने के बाद विजिलेंस ने अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।
इसके बाद दारोगा भर्ती घपले में पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी व एक अन्य अधिकारी नरेंद्र सिंह जादौन समेत नकल माफिया सिंडिकेट के सरगना हाकम सिंह रावत, चंदन मनराल, केंद्रपाल, मास्टरमाइंड सादिक मूसा, राजेश कुमार जायसवाल, संजीत कुमार चौहान, राजेश पाल, राजेश चौहान, विपिन बिहारी और नीतीश गुप्ता को आरोपित बनाया गया।
इन सभी को एसटीएफ पूर्व में अन्य भर्ती परीक्षाओं में नकल के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है। विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद पुलिस विभाग ने जनवरी 2023 में 20 दारोगाओं को निलंबित किया था।
दारोगा भर्ती परीक्षा में 339 युवा उत्तीर्ण हुए थे। जिसमें गढ़वाल मंडल के 210, जबकि कुमाऊं मंडल के 129 अभ्यर्थी थे। इनमें से 40 से 45 दारोगा पर मोटी रकम देकर उत्तीर्ण होने का संदेह है। विजिलेंस सभी की कुंडली खंगाल रही है।
तैनाती जिला
देहरादून : ओमवीर सिंह, प्रवेश रावत, राज नारायण व्यास, जैनेंद्र राणा व निखिलेश बिष्ट।
ऊधम सिंह नगर : दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश व संतोषी।
नैनीताल : नीरज चौहान, आरती पोखरियाल नैनीताल (अभिसूचना), प्रेमा कोरमा व भावना बिष्ट।
पौड़ी : पुष्पेंद्र
चमोली : गगन मैठाणी
चंपावत : तेज कुमार
एसडीआरएफ : मोहित सिंह रौथाण
दारोगा भर्ती में हुई घपलेबाजी की विजिलेंस जांच पूरी, इसी माह शासन को सौंप सकती है रिपोर्ट
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