नई दिल्ली। अमेरिकी फास्ट फूड चेन्स ने बृहस्पतिवार से अपने मेन्यू आइटम से ताजा प्याज को हटा दिया है। इस सब्जी को मैकडॉनल्ड के रेस्तरां में ई.कोली प्रकोप का संभावित जरिया माना गया। इससे 75 लोग बीमार हुए और एक की मौत हो गई।
मैकडॉनल्ड ही नहीं बल्कि रेस्तरां ब्रांड्स इंटरनेशनल, मैकडॉनल्ड्स के प्रतिद्वंद्वी बर्गर किंग की मूल कंपनी और यम ब्रांड्स ने भी मेन्यू से प्याज को हटाने का एलान किया है। बर्गर किंग के प्रवक्ता के मुताबिक, लगभग पांच फीसदी बर्गर किंग जगहों के मेन्यू से प्याज को हटा दिया है। मैकडॉनल्ड ने कहा कि हटाए गए कटे हुए प्याज का आपूर्तिकर्ता टेलर फॉर्म्स था। बर्गर किंग के लगभग 5 फीसदी स्टोर में भी प्याज इसी फार्म्स से आता है। इसके बाद अमेरिका की सबसे बड़ी खाद्य आपूर्तिकर्ताओं कंपनियों में से एक यूएस फूड्स ने कोलोराडो में उत्पादित पीले प्याज की कई खेप बुधवार को वापस ले ली है। वहीं, केएफसी, पिज्जा हट और टैको बेल चेन चलाने वाली यम ने कहा कि सावधानी बरतते उसने अपने मेन्यू से प्याज हटा दिया है। ई. कोली के प्रकोप की सूचना सबसे पहले सितंबर के आखिर में अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र को दी गई थी। केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसका एक राज्य भागीदार भी ई. कोली के लिए बीफ के नमूनों की जांच कर रहा है।
चिपोटल मैक्सिकन ग्रिल और 1993 में जैक इन द बॉक्स में 2015 में ई.कोली के प्रकोप की वजह से कंपनियों की बिक्री कई तिमाहियों तक तेजी से कम हो गई थी। बेयर्ड इक्विटी रिसर्च के एक विश्लेषक डेविड टारंटिनो ने बुधवार देर रात मैकडॉनल्ड के शेयरों को न्यूट्रल करार दिया। उन्होंने कहा, हमें फिक्र है कि कई अमेरिकी राज्यों में मैकडॉनल्ड के रेस्तरां से जुड़े ई.कोली प्रकोप की रिपोर्ट उपभोक्ता के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकती है और उसकी बिक्री को नुकसान पहुंचा सकती है। मैकडॉनल्ड की शुरुआत 1940 में कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनो से हुई थी। आज इसके भारत सहित 100 से अधिक देशों में 39,000 से अधिक आउटलेट हैं। अमेरिकी फास्ट-फूड श्रृंखला मैकडॉनल्ड ने भारत में 400 स्टोर है। इस बहुराष्ट्रीय ब्रांड ने 1996 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया था
दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट फूड चेन्स ने अपने मेन्यू आइटम से हटाया प्याज, प्याज हटाने की ये है वजह
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