समझना होगा वन्यजीव का महत्व, राजाजी टाइगर रिजर्व की वेबसाइट लांच
देहरादून: उत्तराखंड में इको-टूरिज्म को विकसित कर इसके जरिये दो लाख लोग को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। वन विभाग की ओर से आयोजित वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ करते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल ने यह बातें कही। एफआरआई के भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के सभागार में आयोजित वन्यजीव सप्ताह का विशिष्ट अतिथि वन मंत्री सुबोध उनियाल ने शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी खुलकर जिए इसके लिए इकोनॉमी व इकोलॉजी में संतुलन बनाकर आगे बढ़ना पड़ेगा। कहा कि चीड़ के विस्तार को भी रोकना होगा। इसका क्षेत्र बढ़ने से यह जंगल के लिए भी खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि वन खत्म ना हो रहे तो वन्यजीव अधिनियम जाने की जरूरत नहीं थी। इस दौरान अतिथियों ने नंदा देवी बयोस्फीयर व राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत 84 कुटिया के इतिहास पर बनाई डाक्यूमेंट्रीरा लांच व छह पुस्तकों का विमोचन किया।
इसके अलावा मसूरी, हरिद्वार व कालसी वन प्रभाग क्षेत्र के तहत मानव वन्य जीव संषर्घ से संबंधित अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए 15 प्रभावितों को चेक वितरित किए। इस मौके पर कैंट विधायक सविता कपूर, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) डॉ. धनंजय मोहन, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) निशांत वर्मा, राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला, एफआरआई वाइल्डलाइफ के निदेशक वीरेंद्र तिवारी आदि मौजूद रहे।
वन मंत्री ने राजाजी टाइगर रिजर्व की वेबसाइट को लांच किया। इससे आसानी से ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है। वेबसाइट में संबंधित क्षेत्र की पूरी जानकारी के साथ ही शुल्क भी बताया जाएगा। दुनिया में सर्वाधिक बाघ हमारे पास, समृद्ध ईको सिस्टम जरूरी वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि दुनिया में सर्वाधिक बाघ उत्तराखंड में हैं। बाघों का बढ़ना अच्छी बात है लेकिन यह भी जरूरी है कि वहां समृद्ध ईको सिस्टम होना चाहिए। इसके लिए जंगलों की सुरक्षा बढ़ानी होगी।
बंदरों के बंध्याकरण पर विभाग का कार्य सराहनीय वन मंत्री ने वन विभाग की ओर से चलाए जा रहे बंदर बंध्याकरण अभियान की सराहना की। कहा कि सालभर में जितनें बंदरों का बंध्याकरण हुआ बीते पांच महीने में उससे अधिक रिकार्ड विभाग ने दर्ज किया है। वहीं, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने कहा कि बंदर बंध्याकरण में वर्ष 2015 से 2021 तक 25 प्रतिशत कमी आई है। एक लाख से अधिक बंदरों का बंध्याकरण भी जल्द किया जाएगा।
वन्यजीव अपराध नियंत्रण प्रकोष्ठ स्थापित करने की घोषणा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पहुंचना था लेकिन वह किसी कारण से नहीं आ सके। उन्होंने वन मंत्री सुबोध उनियाल के माध्यम से वन्यजीव अपराध नियंत्रण प्रकोष्ठ स्थापित करने की घोषणा की। जिसमें कहा कि वन्यजीव अपराधों की विशेष प्रकृति व अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव होने के कारण इन अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किए जाने जरूरी है।
प्रदेश में इस तरह के अपराधों पर नियंत्रण के लिए राज्य स्तरीय वन्यजीव अपराध नियंत्रण प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा बंदरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मानव-वानर वन्यजीव संघर्ष निवारण के लिए बंदर बंध्याकरण कार्यक्रम को अधिक गति देने के लिए वन विभाग के नियंत्रण अधीन पांच अन्य बंदर बंध्याकरण केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की।
शुभारंभ पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि ज्ञान व ध्यान वाला उत्तराखंड में सबसे ज्यादा योगदान वनों का है। भविष्य व आने वाली पीढ़ी के बेहतर के लिए वन संरक्षण, वन्यजीव महत्व को समझना होगा। वन विभाग की ओर से भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद सभागार में आयोजित वन्यजीव सप्ताह के शुभारंभ पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आम आदमी का खेती से मोह भंग हो चुका है। कई जगह ऐसे भी हैं जहां लोग खेती करते हैं और वहां से बंदरों के नुकसान पहुंचाने को शिकायत नहीं है।
इंसान ने जंगलों में फलों के पेड़ों को खत्म कर दिया है जिससे बंदर शहर तक पहुंच गए हैं। वन विभाग की भी इस संबंध में बारीकी से कारण जानना चाहिए। ज्ञान व ध्यान वाला उत्तराखंड में सबसे ज्यादा योगदान वनों का है। भविष्य व आने वाली पीढ़ी के बेहतर के लिए वन संरक्षण, वन्यजीव महत्व को समझना होगा। इस दौरान कॉर्बेट टाइगर की वेबसाइट का अतिथियों ने विमोचन किया। नंदा देवी समेत तीन विवरणिका का विमोचन किया गया। इस मौके पर कैंट विधायक सविता कपूर, प्रमुख वन संरक्षक डा धनंजय मोहन, मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा, वीरेंद्र तिवारी निदेशक वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट आदि रहे।
वन विभाग की ओर से भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद सभागार में आयोजित वन्यजीव सप्ताह के शुभारंभ पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आम आदमी का खेती से मोह भंग हो चुका है। उत्तरकाशी के जौनपुर समेत कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां लोग खेती करते हैं और वहां से फसलों को बंदरों से नुकसान पहुंचाने को शिकायत नहीं है। इंसान ने जंगलों में फलदार पेड़ों को खत्म कर दिया है जिससे बंदर शहर तक पहुंच गए हैं।
इस दौरान कॉर्बेट टाइगर की वेबसाइट का अतिथियों ने विमोचन किया। नंदा देवी समेत तीन विवरणिका का विमोचन किया गया। इस मौके पर कैंट विधायक सविता कपूर, प्रमुख वन संरक्षक डा धनंजय मोहन, मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा, वीरेंद्र तिवारी निदेशक वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट आदि रहे। राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ईको विकास समितियों को और से बनाए गए उत्पाद दिखाए गए।
उत्तराखंड में इको-टूरिज्म को विकसित कर दो लाख लोग को मिलेगा रोजगार
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