देहरादून: उत्तराखंड आज देश का पहला राज्य बन गया है जहां समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो रही है। ढाई साल की लंबी तैयारी के बाद आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में यूसीसी पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण किया।
यूसीसी लागू होने के साथ ही राज्य में विवाह, तलाक, विरासत जैसे व्यक्तिगत मामलों के लिए एक समान कानून लागू हो गया है। अब नागरिक इन सभी प्रक्रियाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
तैयारी का सफर
समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने 27 मई 2022 को एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस समिति ने जनता से सुझाव मांगे और एक व्यापक मसौदा तैयार किया। इस मसौदे को विधानसभा में पारित कर राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने इसके क्रियान्वयन के लिए तकनीकी तैयारियां शुरू कीं।
जनता की भागीदारी
यूसीसी के मसौदे पर जनता की राय लेने के लिए सरकार ने व्यापक अभियान चलाया। इस दौरान 43 हितधारकों के साथ बैठकें हुईं, 72 गहन विचार-विमर्श बैठकें की गईं और लाखों लोगों से सुझाव लिए गए। इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए अंतिम रूप से यूसीसी का मसौदा तैयार किया गया।
पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण
आज मुख्यमंत्री ने यूसीसी के लिए विकसित किए गए ऑनलाइन पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण किया। इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक अब विवाह, तलाक, विरासत जैसे मामलों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन
यूसीसी को लागू करने से पहले राज्य सरकार ने सऊदी अरब, तुर्की, इंडोनेशिया, नेपाल जैसे कई देशों के समान कानूनों का अध्ययन किया।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है:
* उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना जहां यूसीसी लागू हुई है।
* यूसीसी से व्यक्तिगत मामलों में एकरूपता आएगी।
* इस कदम से नागरिकों को कई सुविधाएं मिलेंगी।
* यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने व्यापक तैयारी की है।