देहरादून: उत्तराखंड में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई केंद्र सरकार की एक योजना के तहत 620 औद्योगिक इकाइयां सब्सिडी से वंचित हो गई हैं। इस फैसले से राज्य के उद्यमियों में भारी रोष है।
क्या है पूरा मामला?
केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक विकास स्कीम 2017 लागू की थी। इस योजना के तहत कई उद्यमियों ने उत्तराखंड में अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित कीं या विस्तार किया। केंद्र सरकार ने इस स्कीम के तहत 714 इकाइयों को सब्सिडी दी थी, जिनमें से 350 इकाइयां उत्तराखंड की थीं।
लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार ने पाया कि उत्तराखंड की 620 इकाइयों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। इसलिए इन इकाइयों को सब्सिडी के लिए अपात्र घोषित कर दिया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित हरिद्वार जिले की 251 इकाइयां हैं, इसके बाद ऊधमसिंहनगर (134) और देहरादून (95) का नंबर आता है।
उद्यमियों में रोष
इस फैसले से उद्यमियों में काफी रोष है। उनका कहना है कि उन्होंने निवेश करके राज्य के विकास में योगदान दिया है और उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें सब्सिडी मिलेगी। अब सब्सिडी न मिलने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है।
उद्यमियों ने की मांग
उद्यमी अब सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें सब्सिडी दी जाए। औद्योगिक सलाहकार एवं पूर्व राज्यमंत्री ठाकुर संजय सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने मांग की है कि सभी इकाइयों को सब्सिडी का लाभ दिया जाए ताकि राज्य में निवेश का बेहतर वातावरण बन सके।
क्यों हुई सब्सिडी से वंचित?
माना जा रहा है कि विभिन्न तकनीकी कारणों और रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन प्रक्रिया में देरी के चलते इन इकाइयों को सब्सिडी की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। उत्तराखंड में 620 औद्योगिक इकाइयों को सब्सिडी से वंचित करने का फैसला राज्य के औद्योगिक विकास के लिए एक बड़ा झटका है। इससे राज्य में निवेश का माहौल प्रभावित हो सकता है। सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उद्यमियों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए।
उत्तराखंड: 620 औद्योगिक इकाइयां सब्सिडी से वंचित, उद्यमियों में रोष
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