देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ (साइबर पुलिस स्टेशन गढ़वाल रेंज) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नागपुर में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह लोगों के बायोमेट्रिक डेटा का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी कर रहा था।
पुलिस के मुताबिक, गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग का झांसा देकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प रहे थे। इसके अलावा, वे लोगों के बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग करके फर्जी सिम कार्ड बनवा रहे थे और उनका इस्तेमाल अन्य अपराधों में कर रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
* बायोमेट्रिक डेटा की चोरी: गिरोह के सदस्य लोगों के बायोमेट्रिक डेटा को आयुष्मान कार्ड बनवाने के नाम पर एकत्र कर रहे थे।
* फर्जी सिम कार्ड: इस डेटा का उपयोग करके वे फर्जी सिम कार्ड बनवा रहे थे और इनका इस्तेमाल बैंक खातों से पैसे निकालने और अन्य धोखाधड़ी के लिए कर रहे थे।
* ऑनलाइन ट्रेडिंग का झांसा: गिरोह के सदस्य लोगों को सोशल मीडिया पर ऑनलाइन ट्रेडिंग का झांसा देकर उनसे पैसे ठग रहे थे।
* अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन: इस गिरोह का मास्टरमाइंड फिलीपींस में रहता था और वह भारत से ऑपरेशन चला रहा था।
पुलिस ने क्या किया?
* तफ्तीश: उत्तराखंड एसटीएफ ने एक शिकायत के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की।
* गिरफ्तारी: पुलिस ने नागपुर से दो महिला अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
* बरामदगी: पुलिस ने अभियुक्तों के पास से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
आप क्या कर सकते हैं?
* सावधान रहें: किसी भी अज्ञात व्यक्ति या संस्था से साझा न करें अपनी व्यक्तिगत जानकारी।
* ऑनलाइन लेनदेन करते समय सावधान रहें: केवल सुरक्षित वेबसाइटों पर लेनदेन करें।
* शक होने पर पुलिस से संपर्क करें: अगर आपको किसी भी तरह का धोखाधड़ी का शिकार होने का शक हो तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
यह खबर आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें बताती है कि साइबर अपराध कितने बढ़ रहे हैं और हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए कितने सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उत्तराखंड एसटीएफ ने नागपुर में साइबर अपराधियों का गिरोह किया गिरफ्तार
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