देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों से ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के दो सदस्यों को देहरादून के क्लेमेन्टाउन क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
क्या है मामला?
कुछ समय पहले, एक तमिलनाडू के छात्र ने आई4सी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी कि अमेरिका में पढ़ाई के दौरान उससे 70 हजार रुपये की साइबर ठगी की गई है। छात्र को एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से संपर्क किया गया था, जिसमें उसे भारतीय रुपयों को डॉलर में बदलने का झांसा दिया गया था। छात्र ने जब ठग को 70 हजार रुपये दिए तो उसे कोई डॉलर नहीं मिले और ठग ने अपना फोन बंद कर लिया।
एसटीएफ की कार्रवाई:
इस शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि यह गिरोह देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय है और इनके बैंक खातों में एक महीने में करीब 35 करोड़ रुपये का लेन-देन होता था। एसटीएफ ने देहरादून के क्लेमेन्टाउन क्षेत्र में छापा मारकर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।
क्या मिला पुलिस को?
पुलिस ने आरोपियों के पास से 1.5 लाख रुपये नकद, एक लैपटॉप, 14 सिम कार्ड, 37 बैंक डेबिट/क्रेडिट कार्ड, बैंक पासबुक, चेकबुक और फर्जी फर्मों की मोहरें बरामद की हैं।
आरोपियों का तरीका:
आरोपी लोग बैंकों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई सेविंग और करंट अकाउंट खुलवाते थे। फिर वे इन खातों का इस्तेमाल ठगी के लिए करते थे। वे लोगों को रुपये डॉलर में बदलने का झांसा देकर उनसे पैसे ले लेते थे।
एसटीएफ की चेतावनी:
एसटीएफ ने आम जनता से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी झांसे में न आएं। अगर कोई व्यक्ति आपसे रुपये डॉलर में बदलने का झांसा देता है तो सावधान हो जाएं।
यह मामला साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को दर्शाता है। इसलिए जरूरी है कि हम सभी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें।