हल्द्वानी: दिल्ली से काठगोदाम के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने की लंबे समय से चली आ रही मांग अब पूरी होने की ओर अग्रसर हो सकती है। हालांकि, रेलवे अब इस ट्रेन का संचालन काठगोदाम के बजाय लालकुआं से करने पर विचार कर रहा है। काठगोदाम में आबादी का दबाव और गौला नदी के कटाव के कारण रेलवे विस्तार में बाधाएं आ रही हैं।
रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए देशभर में 54 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जा रही हैं। काठगोदाम में भी दो साल पहले इस ट्रेन को चलाने की योजना थी, लेकिन गौला नदी के उफान के कारण शंटिंग लाइन बह जाने से यह योजना अधूरी रह गई थी। हालांकि, रेलवे ने बाद में इस लाइन की मरम्मत कर ली, लेकिन गौला नदी का खतरा अभी भी बना हुआ है।
रेलवे अधिकारियों ने काठगोदाम में वंदे भारत ट्रेन चलाने की संभावना का भौतिक सत्यापन किया और पाया कि यहां रेलवे का विस्तार संभव नहीं है। एक ओर आबादी का दबाव है और दूसरी ओर गौला नदी लगातार कटाव कर रही है। इसके अलावा, काठगोदाम में ट्रेनों को खड़ा करने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं है। यहाँ केवल दो प्लेटफार्म हैं और ट्रेनों को पास देने में काफी दिक्कत होती है।
इन्हीं सभी कारणों से रेलवे अब वंदे भारत ट्रेन का संचालन लालकुआं से करने पर विचार कर रहा है। लालकुआं में ट्रेनों के लिए पर्याप्त जगह है और पांच प्लेटफार्म भी बने हुए हैं। इसलिए यहां नई ट्रेनों का संचालन करने में कोई बाधा नहीं आएगी। रेलवे का मानना है कि हल्द्वानी और कुमाऊं के लोग लालकुआं से वंदे भारत ट्रेन में आसानी से सफर कर सकते हैं क्योंकि यह स्टेशन हल्द्वानी से केवल 20-25 किलोमीटर की दूरी पर है।
हल्द्वानी से काठगोदाम तक ट्रेनों का संचालन क्यों मुश्किल?
हल्द्वानी से काठगोदाम के बीच गौला नदी लगातार ट्रेनों के संचालन के लिए एक बड़ी बाधा बन रही है। पिछले तीन सालों में इस रूट पर चलने वाली दो पैसेंजर ट्रेनें बंद कर दी गई हैं और अब इन्हें लालकुआं से चलाया जा रहा है। देहरादून एक्सप्रेस को भी अब हफ्ते में तीन दिन काठगोदाम के बजाय हल्द्वानी से चलाया जा रहा है। हल्द्वानी से काठगोदाम के बीच ट्रेनों को गौला नदी का खतरा बना रहता है और लाइन को शिफ्ट करना भी संभव नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र में अतिक्रमण और आबादी का दबाव है।
रूट बदलने से बाघ एक्सप्रेस लेट हुई
हाल ही में, काठगोदाम से हावड़ा के बीच चलने वाली बाघ एक्सप्रेस का रूट बदल दिया गया था। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पटरी पर मरम्मत कार्य के कारण ट्रेन को लंबा रास्ता तय करना पड़ा और यह निर्धारित समय से 1 घंटे 45 मिनट देरी से पहुंची।
लालकुआं रेलवे स्टेशन का विस्तार
लालकुआं रेलवे स्टेशन का विस्तार कार्य तेजी से चल रहा है। हल्द्वानी और काठगोदाम स्टेशन विस्तार के मामले में पिछड़ गए हैं। भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए अधिकांश ट्रेनों का संचालन अब लालकुआं से किया जा रहा है। हाल ही में लालकुआं से मुंबई के लिए सीधी ट्रेन का उद्घाटन भी किया गया है।
वंदे भारत ट्रेन का संचालन लालकुआं से हो सकता है, काठगोदाम से कईं बाधाएं
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