अबूझ मुहूर्त में भी हो सकते हैं विवाह, लेकिन विवाह के ये हैं मुहूर्त
हल्द्वानी। विवाह के लिए युवाओं को अब नवंबर तक इंतजार करना पड़ेगा। गुरु-शुक्र के अस्त होने के कारण विवाह के मुहूर्त अब गिने चुने रह गए हैं। पंचागों के अनुसार 23 अप्रैल को इस सीजन का अंतिम शुभ लग्न मुहूर्त है। इसके बाद चातुर्मास के कारण चार माह शहनाई नहीं बजेंगी।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार 23 अप्रैल के बाद 11 जुलाई को आंशिक मुहूर्त है। इसके बाद नवंबर 22 से विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। 23 अप्रैल के बाद शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है जो 28 जून को उदय होंगे। देवगुरु बृहस्पति 6 मई को अस्त हो जाएंगे और तीन जून को उदय होंगे। इसके बाद 17 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जाएगा जिसमें वैवाहिक कार्यक्रमों पर रोक रहती है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार विवाह के मुख्य कारक गुरु और शुक्र दोनों के अस्त रहने पर विवाह करना वर्जित माना जाता है लेकिन शुक्र अस्त और गुरु उदय की स्थिति में आपातकालीन विवाह हो सकते हैं। कुछ अबूझ मुहूर्त भी होते हैं जिनमें किसी भी प्रकार के मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है। जैसे अक्षय तृतीया, देवउठनी एकादशी, विजयादशमी के दिन को अबूझ मुहूर्त मानकर विवाह किए जाते हैं।
विवाह के शुभ मुहूर्त-
अप्रैल – 21, 22, 23
जुलाई -11 आंशिक विवाह मुहूर्त
नवंबर – 22, 23, 24, 26
दिसंबर- 5,7,11
जनवरी 2025- 16,17,18,19,21,22,24
फरवरी – 2,3,4,6,7, 13,14,18,20
मार्च- 5
विवाह के लिए युवाओं को अब नवंबर तक करना पड़ेगा इंतजार
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