देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर अपराध थाना पुलिस ने देशभर में लोगों को डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की उम्र महज 19 साल है और वह राजस्थान का रहने वाला है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि देहरादून के निरंजनपुर निवासी एक व्यक्ति ने कुछ समय पहले मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित का आरोप था कि उसे मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच से फोन आया और बताया गया कि उसके आधार और मोबाइल फोन का उपयोग अपराध में किया गया है। आरोपियों ने पीड़ित को डरा धमकाकर 2.27 करोड़ रुपये ठग लिए।
कैसे की गई ठगी:
आरोपी ने पीड़ित को व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल की जिसमें वह पुलिस की वर्दी में था। उसने पीड़ित को फर्जी वारंट दिखाकर डराया और कहा कि अगर उसने पैसे नहीं दिए तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोपी ने पीड़ित को नौ दिनों तक डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर अपने दिए गए बैंक खातों में 2.27 करोड़ रुपये जमा करवा लिए।
आरोपी की गिरफ्तारी:
एसटीएफ की टीम ने पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपी की तलाश शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी राजस्थान में छिपा हुआ है। पुलिस टीम ने राजस्थान जाकर 19 वर्षीय नीरज भट्ट को गिरफ्तार किया।
अन्य अपराधों में भी शामिल:
पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी अन्य अपराधों में भी शामिल रहा है। वह देहरादून में आकर वाहन चोरी करता था और उन्हें कबाड़ में बेच देता था।
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है:
यह मामला साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को दर्शाता है। आजकल लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
क्या करें:
* किसी भी अज्ञात नंबर से आने वाले फोन पर संदेह करें।
* अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
* अगर आपको कोई संदिग्ध फोन आता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।