नई दिल्ली

जी-20 में घोषणा: भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा बनाया जाएगा

कॉरिडोर के निर्माण में भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी की होगी भागीदारी

नई दिल्ली। भारत की अध्यक्षता में शनिवार को प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में जी 20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई। पहले दिन विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी में 37 पृष्ठों के ‘नई दिल्ली घोषणापत्र’ पर सहमति बन गई। भारत से मध्य पूर्व और यूरोप को जोड़ने वाले भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक गलियारे का ऐलान करते हुए कहा कि इससे वैश्विक बुनियादी ढांचे, निवेश के लिए साझेदारी, आवाजाही और सतत विकास को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा, इतने बड़े कदम के साथ हम भविष्य के विकास के लिए बीज बो रहे हैं। यह गलियारा आपसी विश्वास मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, पीजीआईआई (वैश्विक ढांचे और निवेश के लिए साझेदारी) के जरिए ग्लोबल साउथ देशों में बुनियादी ढांचे का अंतर भरने में हम बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
कॉरिडोर के निर्माण में भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी की भागीदारी होगी। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि गलियारे के प्रमुख हिस्से के रूप में हम जहाजों और रेलगाड़ियों में निवेश कर रहे हैं। इससे व्यापार आसान होगा। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने फैसले को ऐतिहासिक बताया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, यह पहले वैश्विक हरित व्यापार मार्ग से संबंधित है। जी 20 के नेता अत्यधिक चुनौतियों वाले समय में मिल रहे हैं। दुनिया नेतृत्व प्रदान करने के लिए एक बार फिर जी20 की ओर देख रही है।

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ये प्रस्ताव स्वीकार
● दहशतगर्दों के पनाहगारों पर चोट और आतंक के सभी रूपों से लड़ाई का संकल्प
● अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने पर जोर। कम विकसित देशों को आर्थिक मदद पर ध्यान ●
● महिला सशक्तीकरण के लिए नए कार्यसमूह पर सहमति
● भ्रष्टाचार से निपटने को कानून प्रवर्तन से संबंधित अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सूचना तंत्र मजबूत किया जाएगा
● जी20 देशों को ऋण जाल से बाहर निकालने के लिए पुख्ता रणनीति तैयार की जाएगी ●
● क्रिप्टोकरंसी के विनियमन पर सदस्य देशों में सहमति बनी
● बेरोजगारी से लड़ने के लिए जी20 देशों के बीच नौकरी का डाटाबेस तैयार किया जाएगा

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