ड्रोन, रोबोटिक्स और रॉकेट्री साइंस कार्यशाला में सीमांत के 12 छात्रों ने बढ़ाया गौरव

पिथौरागढ़। सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के युवा संसाधनों की कमी के बावजूद तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं अवनीश गड़कोटी, जिन्होंने अत्याधुनिक तकनीक को आम नागरिकों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। सात साल पहले उन्होंने इस सपने को साकार करने के लिए अपनी टीम के साथ प्रयास शुरू किए और अब वे देशभर में तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

हाल ही में, अवनीश गड़कोटी के प्रयासों से पिथौरागढ़ के 12 छात्रों ने आईआईटी कानपुर में आयोजित चार दिवसीय ड्रोन, रोबोटिक्स और रॉकेट्री साइंस कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यशाला में ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और रॉकेट्री साइंस के नवीनतम सिद्धांतों और व्यावहारिक पहलुओं पर छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला में भाग लेने वाले छात्र: मानस शेट्टी, मयंक बिष्ट, वेदांश तिवारी, अंकित पंत, कार्तिक अवस्थी, अंजनह शाह, लोकेश जोशी, जतिन जोशी, सुमित पंत, विनीत सिंह और आशीष महर। इन छात्रों ने ड्रोन डिजाइनिंग, रोबोटिक्स ऑटोमेशन और रॉकेट्री साइंस की बारीकियों को समझा और अत्याधुनिक संचार प्रणाली की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की।
इंफोफेक कंपनी के निदेशक अवनीश गड़कोटी ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को उन्नत तकनीकों से परिचित कराना और उनके तकनीकी कौशल को सुदृढ़ करना था। उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में सीखने का अनुभव छात्रों के भविष्य को नयी दिशा देगा।
कार्यशाला को सफल बनाने में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर श्री बालाजी देवराजु और रिसर्च स्कॉलर अभिलाषा गड़कोटी का विशेष योगदान रहा। उनके मार्गदर्शन में छात्रों को इस कार्यशाला में भाग लेने का अनूठा अवसर मिला।
छात्रों ने इस कार्यशाला को अत्यधिक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि इस अनुभव से उन्हें तकनीकी नवाचारों में आगे बढ़ने और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने की प्रेरणा मिली। यह कार्यशाला भारत में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने और नवाचार संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
