नई दिल्ली। तरह-तरह के दुःख-दर्द झेल रही जनता के मन को कुछ देर के लिए ही सही, आराम देने के लिए मनोरंजन अस्तित्व में आया। इसके साथ ही भारत की संस्कृति का हिस्सा बन गया। अब यह बहुत बड़े कारोबार के रूप में फैल चुका है।
फिल्म, धारावाहिक, ओटीटी सीक्वेंसेस और न जाने किन-किन रूपों में वह लोगों का मनोरंजन कर रहा है। आज की दुनिया के 7-8 सौ करोड़ लोगों में से शायद ही कुछ बचे हों जो मनोरंजन जगत् से अछूते रह गए हों। वे अपवाद ही कहे जाएंगे। अन्यथा यह कारोबार अपनी गहरी पैठ जनमानस में बना चुका है और लोगों के जीवन पर प्रभाव भी डाल रहा हैं।
लोकभावना को आहत होने से बचाने का वक्त –
इस मनोरंजन का लोग लाभ उठाते हैं। लेकिन कुछ नकारात्मक शक्तिया इसका दुरुपयोग कर रही हैं। इस माध्यम से जानबूझकर लोगों के मन में किसी व्यक्ति, धर्म संस्था के प्रति अनास्था उत्पन्न कर रहे हैं तो कुछ पैसा कमाने के चक्कर में संस्कृति, सभ्यता, धर्म व समाज पर पड़ रहे गलत प्रभावों को भी नजरअन्दाज कर रहे हैं। ऐसे में समाज में यह मांग उठने लगी है एक ऐसी निगरानी व्यवस्था बने जो ऐसे दृश्यों, संवादों और कथालेखों की समीक्षा करें, जिससे समाज की महिमा-गरिमा बनी रहे और लोकभावना को आहत होने से बचाया जा सके।
धर्म-शोधन-सेवालय (धर्म सेन्सर बोर्ड) का स्वरूप –
संरक्षक – परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज 1008
01. प्रमुख – सुरेश मनचन्दा जी (मीडिया अनुभवी)सदस्यगण –
02. डॉ पी.एन. मिश्र जी (वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट)
03. स्वामी चक्रपाणि जी महाराज (सनातन धर्म के प्रखर प्रवक्ता)
04. डॉ नीरजा माधव जी (वरिष्ठ साहित्यकार व संस्कृति ज्ञाता)
05. मानसी पाण्डेय (अभिनेत्री)
06. तरुण राठी जी (उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद)
07. कैप्टन अरविन्द सिंह भदौरिया जी (सामाजिक विषयों के विशेषज्ञ)
08. प्रीति शुक्ला जी (संस्कृत संस्कृति मर्मज्ञ)
09. डॉ. गार्गी पण्डित जी (सनातन धर्म विशेषज्ञ)
10. डॉ. धर्मवीर जी (इतिहास पुरातात्विक व पूर्व निदेशक आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया)
ऐसा होगा धर्म सेंसर बोर्ड का कार्य –
धर्म सेंसर बोर्ड फिल्मों व टीवी सीरियल्स में अश्लीलता, जिसमें भारतीय संस्कृति की बात होती है के साथ-साथ धर्म के नाम पर दिखाए जा रहे पात्रों, उनके डायलॉग डिलीवरी, रंग, तिलक और सिक्वेन्स की भी समीक्षा करेगा व किसी भी तरह से हिन्दू धर्म, वेदों और पुराणों की बात को तोड़ मरोड़ कर दिखाए जाने पर कार्यवाही करेगा। धर्म सेंसर बोर्ड सनातन धर्म का किसी भी रूप में अगर मजाक उड़ाया जाता है, गलत तरीके से पेश किया जाता है तो कार्यवाही करेगा।
गलत पर होगी कार्यवाही –
धर्म सेंसर बोर्ड अगर किसी तरह से फिल्मों, धारावाहिकों और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर गलत मन्त्रोचार किए जाते हैं तो कार्यवाही करेगा। धर्म सेंसर बोर्ड में 10 सदस्य हैं, जो श्रीमद् जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिर्मठ महाराज जी को हिन्दू धर्म की गरिमा रक्षा के सम्बन्ध में परामर्श देंगे। इसके बाद क्या करना है। इसके लिए महाराज का निर्णय सर्वमान्य होगा।
स्कूल में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम, नाटक की भी समीक्षा –
धर्म सेंसर बोर्ड केवल सिनेमा, टीवी, धारावाहिक आदि चलचित्रों की समीक्षा नहीं करेगा। बल्कि यह तो स्कूल में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम, नाटक यहाँ तक विविध धार्मिक लीलाओं के मंचनों की समीक्षा करेगा। देश के संत समाज धार्मिक संस्थानों, धार्मिक पुस्तकों धर्म पर दिए जाने वाले वक्तव्य व भाषणों पर निगरानी रखेगा और उनकी भी समीक्षा करेगा। देश को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए सनातन हिंदू धर्म की रक्षा सर्वोपरि होगी क्योंकि बिना सनातन धर्म, संस्कृति और हिंदू धर्म के भारत राष्ट्र की बात करना बेमानी और छलावा है।
भारत फिर बनेगा विश्व गुरु –
इसलिए वैदिक संस्कृति व आदि धर्म की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। देश की वर्तमान युवा और बाल पीढ़ियों के लोग पश्चिमी देशों की संस्कृति को अपना रहे, जिसके परिणामस्वरूप देश में घटते परिवार और पारिवारिक मूल्यों का हनन कर रहे हैं। 9 साल से ऊपर की आयु के बच्चों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है। युवा पीढ़ी अवसादग्रस्त हो रही है। इस बारे में भी संज्ञान लेकर कार्य करेगा।
धर्म सेंसर बोर्ड का कार्य केवल फिल्म और टीवी सीरियल में धर्म के प्रति संवेदना का ख्याल रखने तक सीमित नहीं होगा। बल्कि जहां भी धर्म को नुकसान पहुँचाने की कोशिश होगी। यह बोर्ड अपना काम स्वतंत्र रूप से करेगा। भारतीय कानून की मर्यादाओं का पालन करते हुए उचित कार्यवाही होगी।
15 जनवरी को होगा कार्यालय का उद्घाटन –
धर्म शोधन सेवालय (धर्म सेंसर बोर्ड) का केंद्रीय कार्यालय दिल्ली एनसीआर और देश के सभी प्रदेशों में होगा। दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन आगामी 15 जनवरी 2023 को संपन्न होगा, जिसकी सूचना जल्द दी जाएगी। वही, 19 जनवरी 2023 को प्रयाग माघ मेले में गाइडलाइन जारी होगी। हर साल माघ के महीने में सनातन धर्मियों का बहुत बड़ा सम्मेलन (मेला) प्रयाग में होता है। उसी प्रयाग मेले में संतों, आचार्यों के द्वारा धर्म शोधन सेवालय (धर्म सेंसर बोर्ड) द्वारा फिल्म निर्माताओं के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी।
दिल्ली प्रदेश के 11 जिलों में 11 धर्मासद नियुक्त –
परमधर्मसंसद् 1008 की गतिविधियों को गति देने व धर्म शोधन सेवालय (धर्म सेंसर बोर्ड) आदि की सहायता को देश के हर जिले में कार्यालय खोले जाएंगे। मानद सहयोगियों की नियुक्ति की जाएगी, जिसके तहत दिल्ली प्रदेश के सभी 11 जिलों में 11 धर्मासदों की नियुक्ति घोषित की जाती है। जिनके नाम क्षेत्र यहां नीचे हैं।
01. दिल्ली उत्तर जिला से कमल कांत शर्मा
02. केंद्रीय जिले से आशीष तिवारी
03. दक्षिण जिले से नीमा धींगरा
04. नई दिल्ली जिले से सुरेश मनचंदा
05. दक्षिण पश्चिम जिले से सोमेश अग्रवाल
06. पश्चिम जिले से पंकज पांडे
07. उत्तर पूर्व जिले से दीपक मेहरा
08. पूर्व जिले से राकेश जैन
09. उत्तर पश्चिम से राजीव निर्माण
10. दक्षिण पूर्व से वीरेंद्र सिंह विधूडी
11. शाहदरा जिले से अरविंद भारद्वाज
धर्म शोधन सेवालय केवल कार्यवाही ही नहीं, मांगे जाने पर सहयोग भी करेगा –
धर्म शोधन सेवालय (धर्म सेंसर बोर्ड) केवल गलत दृश्यों, संवादों, कथानकों के ऊपर कार्यवाही ही नहीं, बल्कि निर्माताओं द्वारा मांगे जाने पर उनका अकादमिक बौद्धिक सहयोग करेगा। यही नहीं सेवालय की गाइडलाइन मानने पर उनके पक्ष में खड़ा भी होगा। समयानुसार उचित कानून के अंतर्गत पंजीकृत होकर सरकार द्वारा स्थापित सेंसर बोर्ड को भी मांगे जाने पर सहयोग करेगा यद्यपि यह अपनी अस्मिता स्वतन्त्र बनाए रहेगा।इस अवसर पर शंकराचार्य जनकल्याण न्यास के प्रमुख चन्द्रप्रकाश उपाध्याय, ब्रह्मचारी रामानंद जी, केशवानंद, हृदयानंद , कृष्णा प्रसार सहित प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार गण उपस्थित रहे। यह जानकारी ज्योतिष्पीठाधीश्वर के मीडिया प्रभारी अशोक साहू ने बताई।