प्रयागराज: मकर संक्रांति के पावन पर्व पर मंगलवार को प्रयागराज में होने वाले पहले शाही स्नान के दौरान पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। अनुमान है कि इस दौरान 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। ऐसे में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है।
डीजीपी मुख्यालय ने इस विशाल मेले में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगभग 20 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। इसके अलावा, एनएसजी कमांडो, एटीएस और एसटीएफ की टीमें भी ड्रोन, एंटी-ड्रोन सिस्टम, एआई कैमरों और बख्तरबंद वाहनों के साथ तैनात की गई हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार खुद महाकुंभ की पल-पल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और उन्होंने सोमवार को डीजीपी मुख्यालय में बनाए गए विशेष कंट्रोल रूम से इंतजामों का जायजा लिया।
डीजीपी ने सभी अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने और चौकन्ना रहने के निर्देश दिए हैं ताकि पहला शाही स्नान बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके। उन्होंने रविवार को प्रयागराज में लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं के आने से उत्पन्न यातायात समस्याओं पर भी गौर किया है और आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए हैं।
एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि महाकुंभ की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक बंदोबस्त किए जा चुके हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ मिलकर चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। एहतियात के तौर पर एसटीएफ के बख्तरबंद वाहनों को भी प्रयागराज भेजा गया है।
महाकुंभ 2025: रेलवे ने श्रद्धालुओं को पहुंचाया गंतव्य
सोमवार से शुरू हुए महाकुंभ 2025 में देश भर से लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। प्रयागराज रेल मंडल ने इन श्रद्धालुओं को सुचारू रूप से लाने-ले जाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
पौष पूर्णिमा के दिन करीब 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जिनमें से अधिकांश ट्रेनों से आए। रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए 50 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं। प्रयागराज जंक्शन से अकेले 21 आउटवर्ड और 13 इनवर्ड ट्रेनें चलाई गईं। इनमें से कई ट्रेनें कानपुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन, कटनी, वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी और अयोध्या कैंट के लिए चलाई गईं।
प्रयागराज छिवकी, नैनी और प्रयाग स्टेशनों से भी कई स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इसके अलावा, श्रद्धालुओं के लिए आश्रय स्थलों और टिकट घरों की भी व्यवस्था की गई।
रेलवे के प्रयासों से:
* श्रद्धालुओं को आसानी से प्रयागराज पहुंचने और वापस जाने में मदद मिली।
* भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिली।
* यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव हुआ।
रेलवे प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। आने वाले दिनों में भी रेलवे और अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है।