उपपा ने “साधारण महिलाएं – असाधारण अनुभव” विषय पर था सेमिनार किया
अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के संदर्भ में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विसंगतियों के विरुद्ध संघर्ष कर रही महिलाओं का सम्मान समारोह “साधारण महिलाएं असाधारण अनुभव” कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न संगठनों धाराओं और समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने प्रतिभाग किया।
संगोष्ठी की शुरुआत में आयोजक उत्तराखंड परिर्वतन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए बताया कि हर साल आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में संघर्ष कर रही साधारण महिलाओं के संघर्षों व अनुभवों को जनता के सामने लाना व उन महिलाओं के अनुभवों से हमें सीखने से है। उन्होंने कहा कि आज भी तमाम आधुनिकता के बावजूद महिलाओं को पुरुषों के बराबर समान अधिकार प्राप्त नहीं हो पाए हैं।
आज के कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों में हेलंग की आंदोलनकारी मंदोदरी देवी उनकी बेटियों संगीता और दीपशिखा, जातिवादी हिंसा की शिकार जगदीश की पत्नी गीता (गुड्डी), जगदीश की बहन गंगा व उनकी माता भागुली देवी जन गायक गिर्दा की पत्नी हेमलता तिवारी, चंपा उपाध्याय वह परिवर्तन पार्टी की उपाध्यक्ष आनंदी वर्मा व हीरा द्वारा स्वागत किया गया और संचित परिचय में उपस्थित सभी आमंत्रित अतिथियों को मान पत्र व शॉल भेंट किया। आज आयोजित गोष्ठी में हेलंग की आंदोलनकारी मंदोदरी देवी की बेटी संगीता ने हेलंग की घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह एनटीपीसी को अच्छा बताकर प्रशासन उनकी परंपरागत जमीन को डंपिंग जोन में बदल रहा था और विरोध करने पर उन्हें किस तरह पीड़ित किया गया, छह घंटे तक हिरासत में रखा गया और फिर जुर्माना करने के बाद छोड़ा गया।
उन्होंने कहा कि व्यापक आंदोलन करने के बाद अभी तक प्रशासन पीछे हटा है लेकिन यह लंबी लड़ाई है जो सबको मिलकर लड़नी है। जातिवादी हिंसा के कारण सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश की हत्या कर दी गई थी उनकी पत्नी गीता उनकी बहन गंगा उनकी माता भागुली देवी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि गीता को कल ही नारी निकेतन से मुक्ति मिली हे गीता और जगदीश की बहन गंगा ने पूरे घटना क्रम को बताते हुए कहा कि दुख है लेकिन विचलित नहीं होना है गंगा ने कहा कि परिवर्तन पार्टी के सहयोग के कारण हम इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। चंपा उपाध्याय जी ने अपने आंदोलन के अनुभव को बताया कि निर्भया कांड, अंकिता हत्याकांड, जगदीश हत्याकांड आदि में सक्रियता रही है। जगदीश के मामले में नैनीताल में कमिश्नर घेराव का कार्यक्रम किया गया था जिसका अच्छा प्रभाव पड़ा था। उन्होंने बताया कि समाज आधुनिक हो गया किंतु विचारों के स्तर पर अभी भी जातिवादी सोच मौजूद है। हेमलता तिवारी जी ने अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि उनका घर हमेशा हर व्यक्ति के लिए खुला रहा क्योंकि कभी किसी को लेकर भेद भाव नहीं रहा लेकिन समाज को बदलाव की लड़ाई मिलकर ही लड़नी पड़ेगी। संगोष्ठी में विभिन्न प्रकार के जन गीत भी गाए गए। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में महिलाओं और अन्य नागरिकों की भागीदारी रही। आज हुई संगोष्ठी में श्रीमती आनंदी वर्मा, श्रीमती हीरा देवी, डॉक्टर वसुधा पंत, डॉटर हयात रावत,ईश्वर जोशी, उदय किरौला,मोहम्मद साकिब,महेश नेगी, वसीम, अमीन्नुर रहमान, अल्का पंत,महिला समिति की एडवोकेट भावना जोशी,नीता टम्टा,राजू गिरी,हेमा पांडे,दीपा मेहरा, सरस्वती, मोनिका दानू, सहसवान अंसारी समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।