(कमल जगाती)
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वन दरोगा भर्ती के मामले में एकलपीठ के आदेश को चुनौति देने वाली उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने याचिका को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं।
मामले के अनुसार उच्च न्यायालय में एकलपीठ ने 22 जून 2023 को अंतरिम आदेश जारी कर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC)की ओर से संचालित फॉरेस्टर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस आदेश को चयन आयोग ने खण्डपीठ में चुनोती दी। जिसपर आज सुनवाई हुई। कुछ अभ्यर्थियों ने इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि आयोग ने फॉरेस्टर के 316 पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की और अप्रैल 2021 में लिखित परीक्षा भी संपन्न करा दी। लेकिन इसी बीच परीक्षा भर्ती घोटाला सामने आया और बड़े स्तर पर नकल की पुष्टि के बाद आयोग ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर नयी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी। लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिये सफल उम्मीदवारों का चयन भी कर लिया गया। इस भर्ती प्रक्रिया को कुछ अभ्यर्थियों के द्वारा एकलपीठ में चुनौती दी गयी, जिसपर एकलपीठ ने रोक लगा दी। सुनवाई के दौरान आज आयोग ने कहा कि 53,000 से अधिक उम्मीदवारों ने भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग किया और नकल के आरोपियों की पहचान करना संभव नहीं है। कुछ अभ्यर्थियों की वजह से भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न नहीं हो पाई जिसकी वजह से अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। इसलिए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाई जाय। खंडपीठ के इस आदेश के बाद फॉरेस्टर भर्ती प्रक्रिया की उम्मीदें बढ़ गई है ।
वन दरोगा भर्ती के मामले में एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील पर सुनवाई करते रोक लगाई
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