देहरादून। उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य में मुद्रा लोन के माध्यम से होम स्टे भी खोले जा सकेंगे। सरकार ने मुद्रा योजना के मानकों में बदलाव करते हुए लोन की अधिकतम सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है और इसमें होम स्टे निर्माण को भी शामिल कर लिया है।
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हर वर्ष देश-विदेश से लाखों पर्यटक यहां की सुंदर वादियों और सांस्कृतिक विरासत को देखने आते हैं। ऐसे में सस्ते और आरामदायक आवास की मांग तेजी से बढ़ी है। होम स्टे इस मांग को पूरा करने का एक बेहतर विकल्प बनकर उभरे हैं। वर्तमान में राज्य में करीब पांच हजार होम स्टे पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं, लेकिन अब तक सीमित सरकारी योजनाओं और जटिल प्रक्रिया के कारण कई लोग इस व्यवसाय से नहीं जुड़ पा रहे थे।
मुद्रा लोन योजना में हुए इस बदलाव से स्थानीय लोगों को अब अपने घरों में होम स्टे खोलने के लिए वित्तीय सहायता मिल सकेगी। मुद्रा लोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक पेज के सरल आवेदन फॉर्म के जरिए, सामान्य ब्याज दर पर बिना किसी बड़ी जमानत के उपलब्ध होता है। इससे छोटे व्यवसायियों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बड़ा लाभ मिल सकता है।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे का चलन तेजी से बढ़ रहा है। होटल की अपेक्षा सस्ते किराए और स्थानीय अनुभव के चलते पर्यटक भी होम स्टे को अधिक पसंद कर रहे हैं। इससे न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
राज्य सरकार भी इस योजना को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्थानीय लोग इस अवसर का सही उपयोग करें, तो उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयां मिल सकती हैं। मुद्रा लोन से होम स्टे खोलने की सुविधा राज्य के लिए एक बड़ा आर्थिक अवसर बन सकती है।
