देहरादून: अल्मोड़ा जिले में बस हादसे और देहरादून में इनोवा कार हादसे के बाद उत्तराखंड पुलिस ने सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को निर्देश दिए हैं कि वे सड़क हादसों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करें।
शराब पीकर गाड़ी चलाना सबसे बड़ा कारण
डीजीपी ने कहा कि विगत वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, सड़क हादसों का मुख्य कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना, वाहन चालकों की ओर से अन्य वाहनों से प्रतिस्पर्धा करना और वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना है।
पुलिस की सक्रियता से दुर्घटनाओं पर नियंत्रण
डीजीपी ने कहा कि पुलिस की सक्रियता से सड़क हादसों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके लिए पुलिस को बैरियर चेकिंग, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई करनी होगी।
क्या-क्या किए जाएंगे कदम?
* बार और पब पर नजर: देर रात तक चलने वाले बार और पब के लाइसेंसों की जांच की जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने और पिलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
* सीसीटीवी कैमरे: पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और उनका रखरखाव भी नियमित रूप से किया जाएगा। पुलिस कंट्रोल रूम पर सीसीटीवी कैमरों से नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
* सड़क पर साइन बोर्ड: सड़क पर पर्याप्त साइन बोर्ड लगाए जाएंगे और उचित निगरानी की जाएगी।
* अल्कोमीटर का इस्तेमाल: नशे में गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए चेक पोस्ट और बैरियरों पर यातायात पुलिस को पर्याप्त अल्कोमीटर उपलब्ध कराए जाएंगे।
* ओवर स्पीड पर कार्रवाई: स्पीडोमीटर और रडार गन की मदद से ओवर स्पीड वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
* सवारी वाहन में क्षमता से अधिक सवारी और नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर कार्रवाई: सवारी वाहन में क्षमता से अधिक सवारी पाए जाने पर और नाबालिगों द्वारा वाहन चलाते हुए पाए जाने पर वाहन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
* होटल, पब और रेस्टोरेंट प्रबंधकों की जिम्मेदारी तय: होटल, पब और रेस्टोरेंट प्रबंधकों को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्हें नशे में लोगों को गाड़ी चलाने से रोकना होगा।