कोल्हापुर: एक अविश्वसनीय घटना में, महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में एक व्यक्ति को मृत घोषित किए जाने के 15 दिन बाद जिंदा पाया गया है। कसाबा-बावड़ा निवासी पांडुरंग उल्पे को 16 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने के बाद एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
परिवार और दोस्त अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, तभी एक अचंभित कर देने वाली घटना घटी। जब उल्पे के शव को घर लाने के लिए एंबुलेंस स्पीड ब्रेकर से गुजरी, तो उनकी उंगलियों में हलचल देखी गई। तुरंत उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज हुआ और एक पखवाड़े बाद उन्हें घर वापस लाया गया।
उल्पे ने बताया कि उन्हें चक्कर आ रहा था और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उन्हें याद नहीं कि उन्हें अस्पताल कौन ले गया। जिस अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित किया था, उसने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग इस चमत्कार को लेकर हैरान हैं और पांडुरंग उल्पे को एक नया जीवन मिला है।
मुख्य बिंदु:
* पांडुरंग उल्पे को 16 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ा था।
* एक निजी अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
* 15 दिन बाद एंबुलेंस में उनकी उंगलियों में हलचल देखी गई।
* दूसरे अस्पताल में इलाज के बाद उन्हें घर लाया गया।
* जिस अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित किया था, उसने अभी