मॉक ड्रिल में मिलने वाली खामियों को दुरुस्त कर तैयारियों को अधिक पुख्ता किया जाएगा
देहरादून। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्थाएं परखने के लिए आज प्रदेश में मॉक ड्रिल की जाएगी। मॉक ड्रिल का मकसद वक्त पर खामियों को दुरुस्त कर तैयारियों को अधिक पुख्ता करना है। केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में यह किया जाएगा। देश-प्रदेश में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को कोविड-19, सीजनल इन्फ्लूएंजा व अन्य श्वसन संबंधी रोगों से बचाव व नियंत्रण को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैैं।
चिकित्सालय स्तर पर इन्फ्लूएंजा के मामलों की सघन निगरानी के निर्देश दिए गए हैैं। कहा गया है कि संदिग्ध रोगियों के पर्याप्त सैैंपल इन्फ्लूएंजा व कोविड-19 जांच के लिए भेजे जाएं। वहीं, सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आइडीएसपी के अंतर्गत इंटिग्रेटेड हेल्थ इन्फोर्मेशन प्लेटफार्म पर डालने को भी कहा गया है। जांच बढ़ाने, अधिकांश सैैंपल की आरटी-पीसीआर जांच, क्लस्टर केस मिलने पर त्वारित जांच व निरोधात्मक कार्वाई और चिकित्सा इकाईयों में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन कंसंट्रेटर, आक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, आइसीयू बेड व आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैैं।
चिकित्सा इकाईयों में स्थापित आक्सीजन जनरेशन प्लांट की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने व कर्मियों के कोविड-प्रबंधन का निरंतर प्रशिक्षण को भी कहा है। राज्य के राजकीय चिकित्सालयों में कुल 7703 आक्सीजन बेड, 852 आइसीयू बेड एवं 1165 वेंटिलेटर उपलब्ध है। कोरोना-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाएगा।