Connect with us

नैनीताल

नैनीताल की देवी को “बोधाड़ देवता” के रूप में पूजते हैं ग्रामीण

Published

on

पौराणिक पाषाण देवी मंदिर के बारे में क्या आपको ये है जानकारियां

(कमल जगाती)

नैनीताल। उत्तराखंड में नैनीताल के पौराणिक पाषाण देवी मंदिर के बारे में क्या आपको ये जानकारियां हैं…? बड़े बड़े बोल्डरों के बीच बनी देवी की प्रतिमा को ग्रामीण अपने मवेशियों के ईष्ट देवता को ‘बोधाड़ देवता’ के रूप में पूजते हैं।
नैनीताल की ठंडी सड़क में तल्लीताल क्षेत्र में पड़ने वाले पाषाण देवी मंदिर की एक अलग पहचान भी है। शहरवासी जहां माँ को पाषाण शिलाओं को गिरने से रोकने वाली शक्ति मानते हैं वहीं ग्रामीण इन्हें अपने मवेशियों के ईष्ट देवता के रूप में पूजते हैं। मंदिर के इस अनजाने राज को आज हम आप तक लाए हैं।
दरअसल ग्रामीण अपने घरों में पाली गई गाय भैंसों से निकला दूध दही का पहला उत्पाद यहां माँ को चढ़ाते हैं और इन्हें मवेशियों के ईस्ट देवता के बराबर महत्व देते हैं। ग्रामीण अपने मवेशियों के स्वास्थ और सुरक्षा के लिए माँ की पूजा करते हैं। यहां ग्रामीण, ओखलकांडा, भवाली, भीमताल, मेहरागांव, जंगलिया गांव, गौलापार, हल्द्वानी और रुद्रपुर समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से मवेशियों का पहला उत्पाद लेकर पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी जगदीश चंद भट्ट ने बताया कि मंदिर में माँ का टीका, ग्रामीणों के लाए इसी घी से लगाया जाता है, जो मवेशी को लगाने के लिए वापस उन लोगों को दिया जाता है। ग्रामीण अपने मवेशियों को सवेरे चारा देने से पहले इस टीके को लगाते हैं, जिससे मवेशियों के रोग दूर होते हैं और वो सुरक्षित रहते हैं। नैनीझील के ठीक ऊपर बने इस पौराणिक मंदिर में लोग दिया जलाकर खुशहाली की प्रार्थना करते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  श्यामपुर जंगल के 6 कब्जा कर बनाई मजारों पर चला बुल्डोजर
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GET IN TOUCH

संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
दूरभाष: +91 9412960065
ई-मेल: [email protected]

Select Language

Advertisement

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860