सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से पीएम को ज्ञापन भेजा, “औ से औरत” पढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई
हल्द्वानी। एक समाज श्रेष्ठ समाज के कार्यकर्ता प्राथमिक शिक्षा में “औ से औरत” पढ़ाने से नाराज हैं। एक समाज श्रेष्ठ समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि जब मुगलों ने भारत पर राज किया था, अपमानजनक शब्द भी शिक्षा पद्धति में जोड़ा था, लिहाजा इसे हटाया जाए।
समाज के लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर प्राथमिक शिक्षा में “औ से औरत” पढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई है। संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू और पूजा लटवाल ने संयुक्त रूप से कहा की अरबी में औराह या औरत का मतलब महिला का गुप्तांग होता है फिर भी हमारे देश के विद्यालयों में बच्चों को बचपन से ही मातृशक्ति के प्रति अपमानजनक औ से औरत शब्द की पढ़ाई कराई जा रही है जिससे हम अपने देश के होनहार बच्चों को बचपन से ही अरबी गुलामी की मानसिकता से ग्रसित कर रहे हैं जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण निंदनीय है।
प्राथमिक शिक्षा में “औ से औरत” पढ़ाने से नाराज “एक समाज श्रेष्ठ समाज”
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